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कउने बाबू के मड़वा लगल फुलवरिया हे
कउने बाबू के मड़वा लगल फुलवरिया हे ।
कउने देइ1 के कोहबर नाचहइ2 मलहोरिया3 हे ।
आजु सुदिनमा दिनमा नाचइ मलहोरिया हे ॥ 1 ॥ | magahi-mag |
कड़वी कचरी हे मां मेरी कचकची जी
कड़वी कचरी हे मां मेरी कचकची जी
हां जी कोए कड़वे सासड़ के बोल
बड़ा हे दुहेला हे मां मेरी सासरा री
मीठी कचरी है मां मेरी पकपकी री
हां जी कोए मीठे मायड़ के बाल
बड़ा ए सुहेला मां मेरी बाप कै जी
माय रंगाई हे मां मेरी चुन्दड़ी री
अल्यां तो पल्यां हे मां मेरी घुँघरू री
हां जी कोए बीच दादर मोर
बड़ा ए सुहेला मां मेरी बाप कै जी
सास रंगाया हे मां मेरी पीलिया जी
अल्यां तो पल्यां हे मां मेरी छेकले जी
हां जी कोए बीच सासड़ के बोल
बड़ा ए दुहेला हे मां मेरी सासरा री
ओढूँ तो बाजै हे मां मेरी घुँघरू री
चालूँ तो बोलैं हे मां मेरी मोर
बड़ा ए सुहेला मां मेरी बाप कै जी
ओढूँ तो चिमकै हे मां मेरी छेकले जी
हां जी कोए खटकै छाती में बोल
बड़ा ए दुहेला मां मेरी सासरा री
सासरे में बहुअड़ हे मां मेरी न्यू रह्वै जी
हां जी कोए रंधै कढ़ाई में तेल
बड़ा हे दुहेला हे मां मेरी सासरा जी
पीहर में बेटी हे मां मेरी न्यूं रह्वै जी
हां जी कोए घिलड़ी में रम रह्या घी
बड़ा ए सुहेला हे मां मेरी बाप कै जी | haryanvi-bgc |
माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर
माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर ।
लोकाँ दे भाणे चाक चकेचा ,
साडा रब्ब गफ्फूर
माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर ।
जीहदे मिलण दी खातर चश्मा ,
बहिन्दीआँ सी नित्त झूर ।
माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर ।
उठ गई हिजर जुदाई जिगरों ,
जाहिर दिसदा नूर ।
माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर ।
बुल्ला रमज़ समझ दी पाईआ ,
ना नेड़े ना दूर ।
माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर । | panjabi-pan |
असीं एथे ते ढोला छाओनी (ढोला)
असीं इथ्थे ते ढोला छाओनी
एहनाँ अक्खीयाँ दी सड़क बनाओनी
चन्न माही आवना
जीवें ढोला
अंब डलियाँ
जित्थे खिलारिया ई उत्थे खलीआँ
भावार्थ
' हम यहाँ हैं और ढोला छावनी में है
इन आँखों को सड़क बनानी है
चांदसा प्रियतम आएगा
जीते रहो ढोला
आम की फाँकें
जहाँ तुमने मुझे खड़ी होने को कहा था , वहीं खड़ी हूँ ' | panjabi-pan |
567
हीर खोह खेड़े चले वाहो दाही रांझा रहया मुंह कज हैरान यारो
उजड़ जाए कि निघरे गरक होवेवेहल दए ना जिमी असमान यारो
खेप मारिए खेतड़ी सणें बोहल हक अमलियां दे रूड़हे जान यारो
डेरां वेख के मीर शिकार रोवन हथो जिन्हां दिओं बाज उडजान यारो
उन्हां होश ते अकल रहिंदी सिरीं जिनहांद पैन व दान यारो
हीर लाह के घुंड हैरान होई सती चिखा दे विच मैदान यारो
तिख दिदड़ा वांग महांसती1 दे मल खड़ी सी इशक मैदान यारो
चुप मिसल है बोलनों रही जटी दिनां रूह दे जिवे इनसान यारो
विच ओढने सहम दे नाल छपी जिवे विच किरबान कमान यारो
वारस शाह दोवें परेशान होए जिवे फड़े लाहौल शैतान यारो | panjabi-pan |
सूति नऽ हो धणियेर सपनो हो देख्यो
सूति नऽ हो धणियेर , सपनो हो देख्यो ,
सपना को अरथ बताओ भोळा धणियेर । ।
मानसरोवर मनऽ सपना मंऽ देख्यो ,
भर्यो तृर्यो भंडार मनऽ सपना मंऽ देख्यो ।
वहेती सी गंगा मनऽ सपना मंऽ देखी ,
भरी तुरी वावड़ी मनऽ सपना मंऽ देखी ।
श्रावण तीज मनऽ सपना मंऽ देखी ,
कड़कती बिजळई मनऽ सपना मंऽ देखी ,
गोकुळ कान्हो मनऽ सपना मंऽ देख्यो ,
तरवरतो बिच्छू मनऽ सपना मंऽ देख्यो ,
गुलाब को फूल मनऽ सपना मंऽ देख्यो ,
झपलक दिवलो मनऽ सपना मंऽ देख्यो ,
कवळारी केळ मनऽ सपना मंऽ देखी ,
वाड़ उप्पर की वांझुली मनऽ सपना मंऽ देखी ।
पेळा वाळई नार मनऽ सपना मंऽ देखी ,
ऊगतो सो सूरज मनऽ सपना मंऽ देख्यो ।
सपना को अर्थ बताओ भोळा धणियेर । । | nimadi-noe |
मनौती गीत
जाजम राळी भाई खड़ा रहिया , कुण हेड़ऽ मन की भरात ।
पाँची पांडव मऽ रहिया उनका लखपति भाई । ।
उऽ हेड़ऽ मन की भरात । ।
पगलिया मांडिया बेन खड़ा रहिया , कुण हेडे़ऽ मन की भरात ।
पांची पांडव मा रहिया . . . मारा जाया बिराजे । ।
उऽ हेड़ऽ मन की भरात । ।
महादेव जी को मान देने पहुँचे , वहाँ बैठने के लिए जाजम बिछाई । सभी लोग
जो मानता देने आए हैं उनमें से कौन अपने मन की इच्छा पूरी करेगा यानी
कौन पूजाअर्चना कर महादेवजी को भेंट देगा ?
गीत में कहा गया है किबालक के मामा भेंट देकर अपने मन की इच्छा पूर्ण
करेंगे । वैसे जो भी मान में आमंत्रित हैं सभी पूजाअर्चना भगवान की करते हैं
और भेंट देते हैं । बालक को भी यथाशक्ति भेंट देकर प्रसन्नता प्रकट करते हैं । | bhili-bhb |
जिनको बजत हुकुम को बाजा
जिनको बजत हुकुम को बाजा ।
कान रीत में आजा ।
हम खाँ जान देब द्द बैंचन ।
भग रोकन नई साजा ।
करो फिराद जावगे पकरे ।
रोकें सें गम खाजा ।
जानत नई बृजभान कुँअर खाँ ,
जिसकी सकल समाजा ,
चौरासी बृज कोस ईसुरी ,
हियाँ राधका राजा । | bundeli-bns |
हाय हाय बागां की कोयल
हाय हाय बागां की कोयल
किन तेरी बांधी पालकी बागां की कोयल
किन तेरा कर्या सिंगार बागां की कोयल
हाय हाय बागां की कोयल
देवर जेठां नै बांधी पालकी बागां की कोयल
द्योर जिठाणियां नै कर्या सिंगार बागां की कोयल
हाय हाय बागां की कोयल
मार मंडास्सा ले गये बागां की कोयल
बिन्दरावन के पास हे बागां की कोयल
हाय हाय बागां की कोयल
बिन्दरावन की गोपनी न्श्रयूं कै या कौण राणी जाये
हाय हाय बागां की कोयल
अपणे बाबल की धीअड़ी बागां की कोयल
अपणे भाइयां की भाण योह् बागां की कोयल
भावजां की प्यारी योह् बागां की कोयल
हाय हाय बागां की कोयल | haryanvi-bgc |
आओ री राधे बैठो पिलंग पर
आओ री राधे बैठो पिलंग पर तुम हमारे मन की भाई हो राम ।
हरा हरा गोबर राधे अंगवना लिपाऊं चन्दन चौंक पुराऊं हो राम ।
नाई का लड़का री राधे बैगे बुलाऊं नगर बुलावा दुवाऊं हो राम ।
आओ री राधे बैठो मंडप में हम थरी गोद पुरावैं हो राम ।
आप भी खाओ री राधे सखियां नै खिलाओ घर मत लेकर जाइयो हो राम ।
खेल मेल कर राधे घर धाम गई माता ने गोद पुराई हो राम ।
कहा ये राधे कहां री गई थी किन्ह थारी गोद पुराई हो राम ।
खेलत खेलत माता नन्द घर गई नन्दरानी गोद भराई हो राम ।
आप भी खाओ राधे सखियां नै खिलाओ घर मत लेकर जाना हो राम ।
अब तो गई थी राधे फिर मत जाना नन्द घर हुई है सगाई हो राम
इस रै ब्रज राधे लोक बुरे हैं ठग ठग करै सगाई हो राम । | haryanvi-bgc |
कहाँ के ऊजे लामू लहेरिया
कहाँ के ऊजे लामू1 लहेरिया2 ।
झुलनियाँ वाली तोर3 चूड़ी कते में4 बिकाऊ ? ॥ 1 ॥
हमरो जे चुड़िया साँवरो5 लच्छ6 रूपइया ।
तोर बहियाँ घूमि घूमि जाय ।
झुलनियाँ वाली तोर चूड़ी कते में बिकाऊ ? ॥ 2 ॥
हमरो जे पियवा साँवरो बड़ रँगरसिया ।
बने बने7 बँसिया बजावे ।
झुलनियाँ वाली तोर चूड़ी कते में बिकाऊ ? ॥ 3 ॥ | magahi-mag |
176
हीरे इशक ना मूल सवाद दंदा नाल चोरियां अते उधालियां दे
किड़ा1 पौंदियां मुठे हा देस विचों किस्से सुने सन खूनियां गालियां दे
ठगी नाल तैं महीयां चरावा लइयां एह राह ने रनां दियां चालियां दे
वारस शाह सराफ सभ जाणदे नी ऐब खोटयां पैसयां वालियां दे | panjabi-pan |
मोजा पेरो जमई, मेंदी निरखो जमई
मोजा पेरो जमई , मेंदी निरखो जमई
छोटा खोटा जमई
लांबा लापर जमई
जामा पेरो जमई
कड़ा पेरो जमई
पोंची निरखो जमई
कंठी पेरो जमई
चौसर निरखो जमई
चूनी निरखो जमई
पागां बांदो जमई
पेचां निरखो जमई
छोटाखोटा जमई
लांबालापर जमई | malvi-mup |
हे मेरा पति बड़ा धोखे बाज मिरै तै दे गया धोखा
हे मेरा पति बड़ा धोखे बाज मिरै तै दे गया धोखा
हे ऊं नै न्यारी बिछा ली खाट मिरे ते फेर गया पाच्छा
सिखरी मैं झूलै चांद यार नै दे दिया रूका
रै उतर्या नै मिरे यार भतेरा बतला लिया होगा
ऊं नै धोला पैर्या कमीज सैड़दे हो लिया बैठ्या
हे मेरी जड़ तै तजूरी खोल रेल का ले लिया भाड़ा
मेरी जड़ तै ट्रंक खोल के गुलाबी ले लिया साफा
मेरी रुके मारै सास लाल मेरा सोवंता होगा
री क्यूं रूके मारै मेरी सास अटेली जा लिया होगा
हे लत्ते कपड़े काढ़ के पांद्यां नै धरदा होगा
न्यूं तो मैं बी जाण गई भीतर नै बड़दा होगा
हे थर थर तो मेरा गात काम्बा सीढ़ी पर तै पड़गी
भाज्जी तो मेरी नणदल आई भावज कड़ै डिगरगी
ऊपर चढ़कै देख नणद जी तेरा बीर आंवदा होगा
कन्धै ऊपर गोल बिसतरा लांवदा होगा
रसते कै मैं सै लेटडी उठै नाह्वंदा होगा
हाथ के मैं कंघा सीसा मांग जचांवदा होगा | haryanvi-bgc |
मेरी सोने की सलाई साजन लेन चले
मेरी सोने की सलाई साजन लेन चले
जगमोतियन की माला लेन चले
बाबा जी तुम भी कैसे हारे
लाला जी तुम भी कैसे हारे
बीबी तेरे कारण हारे
बेटी लाडो तेरे कारण हारे
पोते के कारण जीत चले
बेटे के कारण जीत चले
मेरी सोने की सलाई साजन लेन चले
जगमोतियन की माला लेन चले | haryanvi-bgc |
पितर नेवतौनी
ये सरगऽ में बसेले बर्हम बाबाऽ , उन्हउ के नेवतबि ।
ये सरगऽ में बसेले महादेव बाबाऽ , उन्हउ के नेवतबि ।
इसी तरह ठाकुर बाबा , सुरुज , खिरलिच , काली , दुर्गा , चन्द्रमा , अछैबट सभी देवता एवं उनकी पत्नी देवी का और सभी कीड़ोंमकोड़ों का भी आवाहन किया जाता है ।
दुआरी छेंकौनी गीत
छोड़ींछोड़ीं सखी सबे रोकल दुआर हे
मोर दुलहा बाड़े लड़िका नादान हे ।
अहिरा के जात हंउअन बोली पतिशाह हे
कइसे में छोड़ीं सखी रोकल दुआर हे
तोर दुलहा बाड़े सखी लड़िका नादान हे ।
दुल्हे का उत्तर
अहिरा के जात हईं बोली पतिशाह रे
काहे के बाबा तोर गइले पूजन रे ।
काहे के भइया तोर गइले बोलावे रे । | bhojpuri-bho |
कँगना भी बदलूँ, पहुँची भी बदलूँ
कँगना भी बदलूँ , पहुँची भी बदलूँ , पिया बदल कोई लेवे ।
चदरिया न बदलूँ हमर1 हरिअर2 चद्दर बुटेदार , चदरिया न बदलूँ ॥ 1 ॥
झाँझ भी बदलूँ , लरछा3 भी बदलूँ , पिया बदल कोई लेवे
चदरिया न बदलूँ , हमर हरिअर चद्दर बुटेदार , चदरिया न बदलूँ ॥ 2 ॥
कंठा भी बदलूँ , हयकल4 पिया बदल कोई लेवे ।
चदरिया न बदलूँ , हमर हरिअर चद्दर बुटेदार , चदरिया न बदलूँ ॥ 3 ॥ | magahi-mag |
कहाँ के तूँ तो बराम्हन बरुआ
कहाँ के1 तूँ तो बराम्हन बरुआ2 ।
कहँवाँ बिनती तोहार , माई हे ॥ 1 ॥
कवन साही3 सम्पत सुनि आएल हो बरुआ ।
कवन देइ4 दुआर5 धरि टाड़6 माई हे ॥ 2 ॥
माँगले बरुआ धोती से पोथी , माँगले पीयर जनेऊ , माई हे ।
माँगले बरुआ हो चढ़न के घोड़वा , माँगले कनिया कुआँर7 माई हे ॥ 3 ॥
तिरहुत के हम बराम्हन बरुआ , कवन पुर में विनती हमार माई हे ।
कवन साही सम्पत सुनि अइली हो बरुआ ,
कवन देइ दुआर धइले ठाड़ हे ॥ 4 ॥
देबों में बरुआ हो धोती से पोथी , देबों में पियर जनेऊ , माई हे ।
देबों में बरुआ हो चढ़न के घोड़वा , एक नहीं कनियाँकुआँर , माई हे ॥ 5 ॥ | magahi-mag |
जादू सो कर गई हेरन में
जादू सो कर गई हेरन में
दुरवारी दृग की फेरन मैं ।
जों मरतेज , तेज चितवन कौ ,
सो नइँयाँ समसेरन में ।
उड़त फिरत जैसें मन पंछी
गिरत बाज के घेरन में ।
जब कब मिलत गैल खोरन में ,
तिरछी नजर तरेरन में ।
कहत ईसुरी सुन लो प्यारी ,
तनक सेन की टेरन मैं । | bundeli-bns |
तूँ क्यों रान्याँ का भैय्या!
भाई को बहन से मिलने ससुराल जाने को कहा जा रहा है कि हे भैय्या तुम्हारी बहन तो ससुराल में फ़िक्र करते हुए कमज़ोर हो गई है जाओ मिल आओ . . .
तूँ क्यों रान्याँ का भैय्या
नीन्दडली में सूत्याँ राज ।
थारी तो माँ की जाया
सासरियो में झूरे राज ,
झूरेगी झूर मरे ,
कोई काल्ड़ो काग उडावे राज
उड़ रे म्हारो काल्ड़ो कागो ,
जे मेरो वीरो आवै राज
आवैगों आधी रात ,
पिलंगन ताजन सूती राज
ऊठी छी वीर मिलन ,
न टूटयो बाई रो हारो राज
हारो तो फेर पुओसां ,
वीरान सूँकद मिल्स्याँ राज ,
चुग देगी सोन चिड़ी
और पो देगो बणजारो राज ,
कैठे की सोन चिड़ी
न कैठे को बणजारो राज ,
दिल्ली की सोन चिड़ी
और जेपुर को बणजारो राज ,
के मांगे सोन चिड़ी
और के मांगे बणजारो राज ,
घी मांगे सोन चिड़ी
न गुड मांगे बणजारो राज ,
घी देस्याँ सोन चिड़ी
और गुड देस्याँ बणजारो राज ,
तूं क्यों रायाँ का भैय्या
नीन्दडली में सूत्याँ राज | rajasthani-raj |
बराम्हन नेवतब, बराम्हनी नेवतब
बराम्हन नेवतब1 बराम्हनी नेवतब ।
नेवतब , पोथिया सहिते2 चलि आवऽ , माई हे ।
कब हम देखम3 रामजी जनेउआ , कब हम देखम
किरिस्न4 जनेउआ , माई हे ॥ 1 ॥
कुम्हरा5 नेवतब , कुम्हइनियाँ6 नेवतब ।
नेवतब , कलसा सहिते चलि आवऽ , माई हे ।
कब हम देखम रामजी जनेउआ , कब हम देखम
किरिस्न जनेउआ , माई ह ॥ 2 ॥
हजमा नेवतब , हजमिनियाँ नेवतब ।
नेवतब , छुरवा समेते चलि आवऽ , माई हे ।
कब हम देखम रामजी जनेउआ , कब हम देखम
किरिस्न जनेउआ , माई हे ॥ 3 ॥ | magahi-mag |
392
भाबी करे रिआयतां जोगी दियां हथीं सचियां पा हथौड़ियां नी
जेहड़े डंड वखायके करे आकड़ मैं तां पटसां एहदियां चैड़ियां नी
गुरु एसदे नूं नहीं पहुंच एथे जिथे अकलां साडियां दौड़ियां नी
मार मोहलियां ते सटां भन्न टंगां फिरे ढूंढ़दा काठ कठोरियां1 नी
जिन्न भूत ते देउ दी अकल जाये तदों मारके उठीए छौढ़ियां नी
वारस शाह फकीर दे नाल लड़ना कपन जैहर दियां गदलां कौड़ियां नी | panjabi-pan |
गुड गुड का चिन्दी आई डो इयां माई
गुड गुड का चिन्दी आई डो इयां माई
गुड गुड का चिन्दी आई डो इयां माई
रीगी ओ इयां माई इयां भाई रीगी वो
रीगी ओ इयां माई इयां भाई रीगी वो
टोपी ना सीवे ओ इयां माई हो तो बेटा
टोपी ना सीवे ओ इयां माई हो तो बेटा
राज कमाय कोन्जई हो तो मोरी माई
राज कमाय कोन्जई हो तो मोरी माई
रात दिन राड मचाये , आखू बोचोगेवा जा कोन्जई
रात दिन राड मचाये , आखू बोचोगेवा जा कोन्जई
स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल | korku-kfq |
होरी खेलूँगी तोते नाय
होरी खेलूँगी श्याम तोते नाय हारूँ
उड़त गुलाल लाल भए बादर , भर गडुआ रंग को डारूँ
होरी में तोय गोरी बनाऊँ लाला , पाग झगा तरी फारूँ
औचक छतियन हाथ चलाए , तोरे हाथ बाँधि गुलाल मारूँ । | bhadrawahi-bhd |
ढोगजा गोमेजा डोगेजा अंगा बन डो पगड़ी बान
ढोगजा गोमेजा डोगेजा अंगा बन डो पगड़ी बान
ढोगजा गोमेजा डोगेजा अंगा बन डो पगड़ी बान
ढोगजा गोमेजा डोगेजा अंगा बन डो पगड़ी बान
कमय मेटे घटऊवा , कमय मेटे घटऊवा
कमय मेटे घटऊवा , कमय मेटे घटऊवा
कमय मेटे घटऊवा , कमय मेटे घटऊवा
इयां दया डोया मकान , इंज जिंदा ठाड़वा
इयां दया डोया मकान , इंज जिंदा ठाड़वा
इयां दया डोया मकान , इंज जिंदा ठाड़वा
स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर | korku-kfq |
98
रांझा सुट खूंडी उतों लाह भूरा छड चलिया सभ मंगवाड़े मियां
जेहा चोर नूं खुरे दा खड़क पहुंचे छड जावंदा सन्न दा पाड़ मियां
दिल चाया देस ते मुलक उतों उहदे भा दा बोलया हाड़1 मियां
तेरियां कटियां कटदे मिलन सभे खड़े खोलियां नूं कोई धाड़ मियां
तेरी धी नूं असीं की जानदे हां तैनूं आवंदी नजर देहाड़ मियां
मैंनूं महीं दी कुझ परवाह नाहीं नढी पई सी एस रिहाड़ मियां
मंगू मगर मेरे हथों आंवदा ए महीं अपनियां महर जो ताड़ मियां
घुट बहें चराई तै मइयां दी सही कीता ई कोई कराड़ मियां
मझीं चारदयां नूं होए बरस बारां अज उठयो अंदरों साड़ मियां
बही खतरी दी रही खतरी थे लेखा गया है होए पहाड़ मियां
तेरी धी रही तेरे घर बैठी झाड़ा मुफत दा लया ई झाड़ मियां
हट भ्रे भकुन्ने नूं सांभ लया कढ छडयो नंग कराड़ मियां
वारस शाह अगे पूरी नाह पइयां पिछों आया सैं पड़तने पाड़ मियां | panjabi-pan |
571
इस पद्य में अलगअलग देशों के नाम हैं
रब्बा उह पाई कहर शहर उते जेहड़ा घर फरऔन डुबाया ई
जेहड़ा कहर होया नाजल जिकरी ते उहनूं घत शरांह दराया ई
जेहड़ा पायके कहर ते सुट तखतों सुलेमान तों भठ झूलकाया ई
जेहड़े कहर दे नाल फिर शाह मरद इक नफरतों कतल कराया ई
जेहड़े कैहर दा युनस ते पा बदला ओहनूं डगरे तों निगल वायाई
जेहड़े कैहर ते सबक दी पकड़ कीती इसमाईल नूं जिबा कराया ई
जेहड़े घतक गजब ते बड़ा गुसा यूसफ खूह दे विच पवाया ई
जेहडे कहर दे नाल यजीदां तों मजलूम हुसैन कुहाया ई
ओहो कहर घती इस शहर उते सिर इतलयां दे जेहड़ा आया ई | panjabi-pan |
आजे डो कोन्जई आजे डो कोन्जई राजो
आजे डो कोन्जई आजे डो कोन्जई राजो
गुद्दी सुबाई आमा कोरा काकेडा पढाई डो
कोन्जई रोचो न रोचो माराटेन बोचोवा डो
कोन्जई आम नी इयां नी कोन्जई कोन्जई
आमा गाव नी ऐल्ले नी वाने डो कोन्जई
स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल | korku-kfq |
बंसी काहन अचरज बजाई
बंसी काहन अचरज1 बजाई ।
बंसी वालिआ चाका राँझा ,
तेरा सुर है सभ नाल साँझा
साडी सुरत तैं आप मिलाई ।
बंसी काहन अचरज बजाई ।
बंसी वालिआ काहन कहावें ,
सब दा नेक अनूप मनावें
अक्खिआँ दे विच्च नज़र ना आवें ,
कैसी बिखड़ी खेल रचाई ।
बंसी काहन अचरज बजाई ।
बंसी सभ कोई सुणे सुणावे ,
अरथ इसका कोई विरला पावे ,
जे कोई अनहद की सुर पावे ,
सो इस बंसी दा सौदाई ।
बंसी काहन अचरज बजाई ।
सुणीआँ बंसी दीआँ घँगोराँ2 ,
कूकाँ तन मन वाँङू मोराँ ,
डििआँ इस दीआँ जोड़ाँ तोड़ाँ
इक सुर दी सभ कला उठाई ।
बंसी काहन अचरज बजाई ।
इस बंसी दा लम्मा लेखा ,
जिस ने ढूँढा तिस ने देखा ,
शादी इस बंसी दी रेखा ,
ऐस वजूदों3 सिफ्त4 उठाई ।
बंसी काहन अचरज बजाई ।
इस बंसी दे पंज सत तारे ,
आप आपणी सुर भरदे सारे ,
इक्क सुर सभ्दे विच्च दम मारे ,
साडी इस ने होश भुलाई
बंसी काहन अचरज बजाई ।
बुल्ला पुज्ज पए तकरार5 ,
बूहे आण खलोते यार ,
रक्खी कलमे6 नाल ब्योहार ,
तेरी हज़रत भरे गवाही ।
बंसी काहन अचरज बजाई । | panjabi-pan |
काय को दिवला मैया काय की बाती
काय को दिवला मैया काय की बाती
काय की लागी जगाजोत वो अनन्दी
तेरे भवन पे मैया , नौबत बाजे
नौबत बाजे मैया , वो मढ़ गाजे
धरम धजा फहराय वो जगतारन
तेरे भवन पे मैया नौबत बाजे
पाँव में तेरे मैया बिछिया बी सोहे
अनबट की लागी जगाजोत वो महाकाली
अंग को मैया तेरे सालू बी सोहे
ओढ़न की लागी जगाजोत वो अनन्दी
तेरे भवन पे मैया नौबत बाजे | malvi-mup |
102
चूचक आखया जा मनाए उसनूं वयाह तीक तां मही चराए लईए
जदों हीर डोली पाए तोर दिती रूस पवे जवाब तां चाए दईए
सडे पीउ दा कुझ ना लाह लैंदा सभा टहिल टकोर करा लईए
वारस शाह असीं जट सदा खोटे इक जटका फंद वी ला लईए | panjabi-pan |
आल्हा ऊदल
बीड़ा पड़ गैल बघ रुदल के रुदल बीड़ा लेल उठाय
मारु डंका बजवावे लकड़ी बोले कड़ाम कड़ाम
जलदी आल्हा के बोलवावल भाइ चलव हमरा साथ
करों बिअहवा सोनवा के दिन रात चले तलवार
गड्गन धोबी दुरगौली के बावन गदहा ढुले दुआर
मुड्गर लाद देल गदहा पर लड़वयौ आफत काल
दानी कोइरी बबुरी बन के सिहिंन लाख घोड़े असवार
चलल जे पलटन बघ रुदल के जिन्ह के तीन लाख असवार
रातिक दिनवाँ का चलला में धावा पर पहुँचल बाय
डेरा गिरावे दुरगौली में डेरा गिरौले बाय
जोड़ गदोइ रुदल बोलल भैया सुनीं आल्हा के देल बैठाय
नौ सौ सिपाही के पहरा बा आल्हा के देल बैठाय
रुदल चल गैल इंद्रासन में अम्बर सेंदुर किन के गैल बनाय
एत्तो बारता बा रुदल के नैना गढ़ के सुनीं हवाल
भँटवा चुँगला बा नैना के राजा इंदरमन के गैल दरबार
रुदल के भाइ अल्हगं है दुरगौली में डेरा गिरौले बाय
तीन लाख पलटन साथन में बा आल्हा के तैयारी बाय
हाथ जोड़ के भँटना बोलल बाबू इंदरमन के बलि जाओं
हुकुम जे पाऊँ इंदरमन के आल्हा के लेतीं बोलाय
एतनी बोली सुनल इंदरमन राजा बड़ मड्गन होय जाय
जेह दिन लैबव आल्हा के तेह दिन आधा राज नैना के देब बटवाय | bhojpuri-bho |
सावन सुअना माँग भरी
सावन सुअना माँग भरी बिरना तो चुनरी रँगाई अनमोल ।
माता ने दीन्हेगउ नौ मन सोनवाँ तौ ददुली ने लहर पटोर । ।
भैया ने दीन्हेगउ चढ़न को घेड़वा , भौजी मोतिन को हार ।
माता के राये ते नदिया बहति है , ददुली के रोये सागर पार । ।
भैया के रोये टुका भीजत है , भौजी के दुइदुइ आँस । | awadhi-awa |
बोडो सोलड़ई बोडो बोलडई गांगुल गाडा काकू
बोडो सोलड़ई बोडो बोलडई गांगुल गाडा काकू
बोडो सोलड़ई बोडो बोलडई गांगुल गाडा काकू
बोडो सोलड़ई बोडो बोलडई गांगुल गाडा काकू
इंजनी बागो सोलड़ीया काजा आमा रानी कीला लियाटेन डो डो मारे
इंजनी बागो सोलड़ीया काजा आमा रानी कीला लियाटेन डो डो मारे
इंजनी बागो सोलड़ीया काजा आमा रानी कीला लियाटेन डो डो मारे
बाकी हिगरा सोलड़ई काडो इयां रानी केन मीया का मागेन मोनई
बाकी हिगरा सोलड़ई काडो इयां रानी केन मीया का मागेन मोनई
बाकी हिगरा सोलड़ई काडो इयां रानी केन मीया का मागेन मोनई
टूकड़ा डो आरु मारे
टूकड़ा डो आरु मारे
टूकड़ा डो आरु मारे
स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी | korku-kfq |
ज़ात इशक दी कौण
बुल्ला की जाणे , ज़ात इशक दी कौण ।
ना सूहाँ ना कम्म बखेड़े , वं´े जागण सौण ।
राँझे नूँ मैं गालिआँ देवाँ ,
मन विच्च कराँ दुआई1 ।
मैं ते राँझा इको होई ,
दई लोकाँ नूँ अज़माई ।
जिस वेले विच्च बेली दिस्से ,
उस दीआँ लवाँ बलाईं ।
बुल्ला सहु नूँ पासे छड्ड के ,
जंगल वल्ल ना जाईं ।
बुल्ला की जाणे , ज़ात इशक दी कौण ।
ना सूहाँ ना कम्म बखेड़े , वें जागण सौण । | panjabi-pan |
पोखरी का हीत, जय जश दे
पोखरी का हीत1 , जय जश दे ,
तेरा जाति2 आयो जय जश दे
भेंटुली3 क्या लायो , जय जश दे ,
सोवन4 धुपाणी5 लायो जय जश दे
मोत्यों6 भरी थाल लायो जय जश दे ,
जाति तेरा आयो जय जश दे
पोखरी का हीत जय जश दे | garhwali-gbm |
मुरलीखेड़ा हाटी कोरान सोना डहनी बोचोकेन डो बाई
मुरलीखेड़ा हाटी कोरान सोना डहनी बोचोकेन डो बाई
मुरलीखेड़ा हाटी कोरान सोना डहनी बोचोकेन डो बाई
बिडे डो बिडे बाई आमा लिजटेन परवा आडी हेजेवा बाई
बिडे डो बिडे बाई आमा लिजटेन परवा आडी हेजेवा बाई
बिडे डो बिडे बाई आमा लिजटेन परवा आडी सेनेवा डो बाई
बिडे डो बिडे बाई आमा लिजटेन परवा आडी सेनेवा डो बाई
इंज नी चौफार टेन मा बिडे वा डो आयोम
इयानी साथी लियेन बारह गाड़ा जानोम रेचा टीन्जकेन आबा
इयानी साथी लियेन बारह गाड़ा जानोम रेचा टीन्जकेन आबा
इंच नी चौफार टेन मा बिडे वा आबा
इयानी साथी लियेन बारा गाड़ा डेघा रेचा टीन्जकेन आबा
इयानी साथी लियेन बारा गाड़ा डेघा रेचा टीन्जकेन आबा
ईटा टेन्ज नी परवा आडी सेनेवा जा आबा
लिन्जटेन भी जरिया जाबू लोखेज बा जा आबा
लिन्जटेन भी जरिया जाबू लोखेज बा जा आबा
इंज नी चौफार टेन मा बिडे वा जा आबा
इंज नी भुरु आधाना एन्टेन गिटीज केनजा आबा
इंज नी भुरु आधाना एन्टेन गिटीज केनजा आबा
स्रोत व्यक्ति गुलाबी बाई और लक्ष्मण पर्ते , ग्राम मुरलीखेड़ा | korku-kfq |
गड़ौ है हिंडोला नौलख बाग में
गड़ौ है हिंडोला नौलख बाग में जी ,
ऐजी जहाँ झूले कुँवरि निहाल । 1 ।
लम्बे2 झोटा दे रही ऊदा भाट की जी ।
एजी कोई आय रही अजब बहार । 2 ।
सात सहेली झूलें मिल संग में जी ,
ऐजी कोई गावत राग मल्हार । 3 ।
घुमड़ि 2 के बादल गरजते जी ,
ऐजी कोई नहनीनहनी पड़त फुहार । 4 ।
रिमझिम 2 मेहा बरसते जी ।
ऐजी कोई सीरीसीरी चलति बयारि । 5 ।
कोकिल बैनी गावें कामिनी जी ,
ऐजी कोई आनंद बढ़े अपार । 6 ।
मोर पपीहा बोलत बाग में जी
ऐजी कोई कोयल रही है पुकार । 7 ।
अधिक सुहावनो सावन मास है जी ।
ऐजी जाकी शोभा अपरम्पार । 8 । | braj-bra |
अरे न्यूं रोवै बुड्ढा बैल
अरे न्यूं रोवै बुड्ढा बैल , मन्नै मत बेच्चै रे पापी
तेरे कुआं कोल्हू में चाल्या नाज कमा कै तेरे घरां घाल्या
इब्ब तन्नै करली सै बज्जर की छाती
तिरा बंज्जड़ खेत मन्नै तोड्या , गाड्डी तै मुंह ना मोड्या
इब्ब तै मेरी बेच्चै से माटी | haryanvi-bgc |
हरियर मड़वा धयले मउरिया सम्हारइ बंदे
हरियर1 मड़वा धयले2 मउरिया सम्हारइ बंदे ।
मउरी के झांेक मजेदार , झुमाझम रे बंदे ।
दुलहा के मउरी से छुटल पसेना बंदे ।
दुलहिन के चाकर3 बंदे , दाँवँन4 से पोंछल पसेना बंदे ॥ 1 ॥
हरियर मड़वा धयले मोजवा5 सम्हारइ बंदे ।
मोजा पर जुत्ता मजेदार , झमाझम रे बंदे , चमाचम रे बंदे ।
दुलहा के मोजा से छुटल पसेना बंदे ।
दुलहिन के चाकर बंदे , दाँवँन से पोंछल पसेना रे बंदे ॥ 2 ॥
हरियर मड़वा धयले , दलहिन सम्हारइ बंदे ।
दुलहिन के घूँघुट मजेदार झमाझम रे बंदे , चमाचम रे बंदे ।
दुलहा के अंग से छुटल पसेना बंदे ।
दुलहिन के चाकर बंदे दाँवँन से पोंछल पसेना रे बंदे ॥ 3 ॥ | magahi-mag |
बेरहिं बेरहिं तोरा बरजों कवन दुलहा
बेरहिं बेरहिं1 तोरा बरजों2 कवन दुलहा , बन बिरिदा3 जनि जाहु हे ।
बन बिरिदा एक देव बरिसल4 भींजि जइहें5 चन्नन तोहार हे ॥ 1 ॥
हाँथी भींजल , घोड़ा भींजल , भींजल लोक बरियात हे ।
हँथिया उपरे भींजल कवन दुलहा , चन्नन भरले6 लिलार हे ॥ 2 ॥
डाँड़ी भींजल , डोरी भींजल , भींजल सबजी ओहार हे ।
डँड़िया भीतरे भींजल कवन सुगइ , सेनुर भरले लिलार हे ॥ 3 ॥
झिहिर झिहिर नदिया बहतु हैं , ओहि7 में कवन सुगइ नेहाय हे ।
हँथिया उपर बोलल कवन दुलहा , हरवा8 दहि मति9 जाय हे ॥ 4 ॥
ई हरवा मोरा ऐरिन बैरिन , ई हरवा मोरा परान के अधार हे ।
ई हरवा मोरा बाबा के हलइ10 ई हरवा मोरा परान के अधार हे ॥ 5 ॥
अपन मउयिा सम्हारहु11 ए दुलहा , घामा12 लगत कुम्हलाए हे ॥ 6 ॥ | magahi-mag |
360
सहती गज के आखदी छड जटा खोह सब नवालियां सटियां नी
होर सब जातां ठग खधियां नी पर एस वेहड़े विच जटियां नी
असां एतनी गस मलूम कीती एह जटियां मुलक दियां डटियां नी
डुमां रावल कुतयां जोगियां दियां जीभां धुरों शैतान ने चटियां नी
पर असां वी जिन्हां नूं हथ लाया ओह बूटियां जड़ां तों पटियां नी
पोले ढिड ते अकल दी मार बहुती चाहां पीन त्रबेहियां खटियां नी | panjabi-pan |
पड़ै बुन्दियां भरैं क्यारी समय बरसा लगे प्यारी
पड़ै बुन्दियां भरैं क्यारी समय बरसा लगे प्यारी
बनै के सीस पै मौड़ा तेरे गजरों पै मैं वारी
बने की सास साली सभी झरोखे झांकती देखीं
बना घोड़े चढ़ा जाता छवि उसकी पै सब वारीं
पड़े बुंदियां . . .
बने के अंग पर जामा तेरे सेहरे पै मैं वारी
बने के हाथ की अंगूठी तेरी घड़ियों पै मैं वारी
बने के पैर में जूता तेरी चाली पै मैं वारी
बने के संग मैं बनड़ी तेरी जोड़ी लगे प्यारी
पड़ैं बन्दियां . . . | haryanvi-bgc |
48
यारो पलंघ केहा सणे सेज एथे लोकां आखया हीर जटेटड़ी दा
बादशाह सिआलां दे त्रिजणां दी महिर चूचके खान दी बेटड़ी दा
शाह परी पनाह नित लए जिस तों एह थां है मुशक लपेटड़ी दा
वारस शाह झबेल ते घाट पतन सभ हुकम है एह सलेटड़ी दा | panjabi-pan |
ऐसो करम मत किजो रे सजना
ऐसो करम मत किजो रे सजना
गऊ ब्राम्हण क दिजो रे सजना
१ रोमरोम गऊ का देव बस रे ,
ब्रम्हा विष्णु महेश
गऊ को रे बछुओ प्रति को हो पाळण
क्यो लायो गला बांधी . . . .
रे सजना ऐसो . . .
२दुध भी खायो गऊ को दही भी जमायो
माखण होम जळायो
गोबर गोमातीर से पवित्र हुया रे
छोड़ो गऊ को फंदो . . .
सजना ऐसो . . .
३ सजन कसाई तुक जग पयचाण ,
धरील माँस हमारो
सीर काट तेरे आगे धरले
फिर करना बिस्मलो . . .
सजना ऐसो . . .
४ तोरण तोड़ू थारो मंडप मोडू ,
ब्याव की करु धुल धाणी
लगीण बखत थारो दुल्लव मरसे
थारा पर जम पयरा दिसे . . .
सजना ऐसो . . .
५ कबीर दास न गऊवा मंगाई ,
जल जमुना पहुचाई
हेड़ डुपट्टो गऊ का आसु हो पोयचा
चारो चरो न पेवो पाणी . . .
सजना ऐसो . . . | nimadi-noe |
सेटी रानी डो सेटी रानी
सेटी रानी डो सेटी रानी
सेटी रानी डो सेटी रानी
बारह जीरा लाये माडो सेटी रानी
बारह जीरा लाये माडो सेटी रानी
सेटी राजा जा सेटी राजा
सेटी राजा जा सेटी राजा
बारह जीरा चोज कमिया हेजे मा जा सेटी राजा
बारह जीरा चोज कमिया हेजे मा जा सेटी राजा
सेटी रानी डो सेटी रानी
सेटी रानी डो सेटी रानी
बारह जीरा माय आबा आंगूल वाडो सेटी रानी
बारह जीरा माय आबा आंगूल वाडो सेटी रानी
सेटी राजा जा सेटी राजा
सेटी राजा जा सेटी राजा
इली गांजा उबून येन जा सेटी राजा
इली गांजा उबून येन जा सेटी राजा
सेटी रानी डो सेटी रानी
सेटी रानी डो सेटी रानी
इनी गांजा उबनू लकेनडो सेटी रानी
इनी गांजा उबनू लकेनडो सेटी रानी
सेटी रानी डो सेटी रानी
सेटी रानी डो सेटी रानी
इनी गांजा बाचा टीयडो सेटी रानी
इनी गांजा बाचा टीयडो सेटी रानी
सेटी राजा जा सेटी राजा
सेटी राजा जा सेटी राजा
इनी गांजा चोजा कमिया ऐजे माजा सेटी राजा
इनी गांजा चोजा कमिया ऐजे माजा सेटी राजा
सेटी रानी डो सेटी रानी
सेटी रानी डो सेटी रानी
इली गांजा महादेवा पीयला डो नूनू वाडो सेटी रानी
इली गांजा महादेवा पीयला डो नूनू वाडो सेटी रानी
स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी | korku-kfq |
चौमासो
सावन लाग्यो भादवो जी
यो तो बरसन लाग्यो मेह , बनिसा
मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
म्हारा सासूजी बनाबा ने जाए , बनिसा
मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
उगण लागी बाजरी रे म्हारी उगन लागी बाजरी रे
म्हारी उगण लागी जवार , बनिसा
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
काटूं मैं काटूं बाजरी रे म्हारी काटूं मैं काटूं बाजरी रे
म्हारी काटूँ मैं काटूं जवार , बनिसा
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
आळ्या में पड़गी बाजरी जी म्हारी आळ्या में पड़गी बाजरी जी
म्हारी कोठा में पड़गी जवार , बनिसा
मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
म्हारा सासूजी मनाबा ने जाए , बनिसा
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे . . .
झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे . . . | rajasthani-raj |
इस सागर के कारने बाबा जी
इस सागर के कारने बाबा जी रूठा जाय दामाद रे
देहरी बैठी दादी रानी बिनवै सुन बेटा मेरी बात रे
अनमोल बेटी मैंने तुमको समर्पी तो सागर कौन बिसात रे
सोना भी देंगे रूपा भी देंगे वर मोहर हजार रे
एक ना देंगे दूल्हे सागर अपना कुंवर करेंगे असनान रे
पन्थी आवै हाथ मुंह धौवें गडवै पीयें जल नीर रे | haryanvi-bgc |
बाना, माँगे दुलहवा बहार
बाना , माँगे दुलहवा बहार1 बहार देउँ सरहज2 ।
बाना , माँगे दुलहवा ननद के , ननद देउँ सरहज ॥ 1 ॥
माथा में दुलहा के मउरी न हइ ।
बाना , माँगे दुलहा मोती के हार , हार देउँ सरहज ॥ 2 ॥ | magahi-mag |
बरसौं जामैं बृज बै जाबै
बरसौं जामैं बृज बै जाबै ।
मेघन इन्द्र सुनावैं ।
सात दिन औ सात रात लौं ,
बूँदा गम ना खावै ।
ब्रज वासिन के घर आँगन में ,
जल जमना को धावैं ।
लऔ उठा गोबरधन नख पैं ,
छैल छत्र सौ छावैं ।
कैसे मारे मरत ईसुरी ,
जिन खां राम बचावैं । | bundeli-bns |
दूर दिसावर सै आई नणंदिया, भाई भतीजे के चाव
दूर दिसावर सै आई नणंदिया , भाई भतीजे के चाव
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
दस के तो हंसली दस क कडूले यो ही री भाभी नेग मेरा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
टाट की अंगिआ मूंज की तगिआ , यो ही बीबी जी नेग तेरा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
लेणा होए तो ले ले नणंदिया , नहीं तो करूंगी बुरा हाल
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
मेरी री आंगण गां का खूंटा , उसमें पड़या है मोटा रस्सा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
रस्से से बांधूं नणद हठीली , रेसम से बांधूं तेरा भइआ
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
कस कर बांधूं नणद हठीली , ढीला सा बांधूं तेरा भइआ
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
आधी सी रात निकल रहे तारे , नणद गई है खूंटा पाड़
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
सास नणद की पूछण लागी , क्या कुछ बहुअड़ नेगी
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
संग की सहेली पूछण लागी , के कुछ ल्याई भैण नेग
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
गां बांधण नै ल्याई हूं खूंटा , सामण झूलण नै रस्सा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ | haryanvi-bgc |
बसन्ती रँगवाय दूंगी
बसन्ती रंगवाय दूँगी जा लाँगुरिया की टोपी ॥
जो लाँगुर तौपै कपड़ा नाँयें , जो लाँगुर तौपे . . .
कपड़ा तोय दिवाय दूँगी , जा लाँगुरिया की टोपी . . . ॥
बसन्ती रंगवाय दूँगी .
जो लाँगुर तोपे सिमाई नायें , जो लाँगुर ,
सिमाई मैं मरवाय दूँगी , जा लाँगुरिया की टोपी . . . ॥
बसन्ती रंगवाय दूँगी .
जो लाँगुर तोपे कुर्ता नायें , जो लाँगुर ,
दुपट्टा फारि सिमाय दूँगी , जा लाँगुरिया की टोपी . . . ॥
बसन्ती रंगवाय दूँगी . | braj-bra |
मानो बचन हमारो रे,राजा
मानो बचन हमारो रे , राजा ,
मानो बचन हमारो
१ भिष्म करण दुर्योधन राजा ,
पांडव गरीब बिचारा
पाचँ गाँव इनक दई देवो
बाकी को राज तुम्हारो . . .
रे राजा . . .
२ गड़ गुजरात हतनापुर नगरी ,
पांडव देवो बसाई
दिल्ली दंखण दोनो दिजो
पुरब रहे पिछवाड़ो . . .
रे राजा . . .
३ किसने तुमको वकील बनाया ,
कोई का कारज मत सारो
राज काज की रीती नी जाणो
युद्ध करी न लई लेवो . . .
रे राजा . . . | nimadi-noe |
सती बोली आमा सती अले सती गले माडो
सती बोली आमा सती अले सती गले माडो
बोलो हो सती सती रानी आमा सती गले माडो
सती सती रानी आमा सती आले सती गले माडो
सती डो ये सती रानी आमा सती गले मा सती बोले डो
सती सती राजा इयां सती चोजा लेन कोमरावा जा
सती बोले ये सती सती रानी इयां सती चोज लाने कोमरावा जा
सती मारे ये सती सती राजा इयां नी सती
लाने इयां नी अठली डोगे बोले ये सती
सती राजा इयां अठली वारा दिवा लापके इयां सती
सती मारे ये सती सती राजा इयां अठली वारा
दिवा लापके जा इयां सती सती बोले रे
स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल | korku-kfq |
बेरिया डुबन लगल, फूलल झिगनियाँ
बेरिया1 डुबन लगल , फूलल झिगनियाँ2 ।
आजु मोरा अइह धानि , हमर कोहबरिया ॥ 1 ॥
कइसे के अइयो3 प्रभु , तोहरो कोहबरिया ।
अँगना में हथु4 सासु मोर रे बयरनियाँ5 ॥ 2 ॥
सासुजी के दिहऽ धानि , दलिया6 आउ भतवा ।
चुपके से चलि अइहऽ हमर कोहबरिया ॥ 3 ॥
कइसे के अइयो परभु , तोहरो कोहबरिया ।
ओसरा7 में हथु गोतनी मोर रे बयरिनियाँ ॥ 4 ॥
गोतनी के दिहऽ तूँ भरि के चिलिमियाँ8 ।
चुपके से आ जइहऽ हमर कोहबरिया ॥ 5 ॥
कइसे के अइयो परभु , तोहर कोहबरिया ।
बाहरे खेलत हथु , ननदी बयरनियाँ ॥ 6 ॥
ननदी के दिहऽ धानि , सुपती मउनियाँ9 ।
चुपे चुपे चलि अइहऽ हमरो कोहबरिया ॥ 7 ॥
कइसो के अइयो परभु , तोहर कोहबरिया ।
मुसुकत खाड़े हथु देवर बयरनियाँ ॥ 8 ॥
देवर के दिहऽ धानि , खइनियाँ10 आउ चुनमा ।
चुपके से चलि अइहऽ , हमरो कोहबरिया ॥ 9 ॥ | magahi-mag |
सासू बी बहरी सुसरा भी बहरा
सासू बी बहरी सुसरा भी बहरा बहरा सै घर वाला रै
उन बहरां मैं मैं बी बहरी चारूआं का बाजा न्यारा रै
एक राहे बटेऊ न्यूं उठ बोल्या टेसन की राही बता दे रै
धोले के तो लगे पानसै गौरे के ढाई से दे सैं रै
इतणै मैं रुटिहारी आई बलदां का मोल लगै सै रै
नूण मिरच तेरी मां नै गैर्या हम नै क्यूं गाली दै सै रै
रोटी दे कै घर नरै आई सासू तै राड़ मिचाई रै
नूण मिरच तै तन्नै गेर्या मन्नै गाली दिवाई री
हमनै तै बहू बेरा कोन्नी तेरै सुसरै नै पूछूंगी
डांगर चरा के सुसरा आया बहू पीहर जाण नै कह सै रै
कौण कहे कालर में चरा ल्याया डहरां में चर कै आई सै
सासू बी बहरी सुसरा बी बहरा , बहरा सै घर वाला रै | haryanvi-bgc |
तोहर मउरी हवऽ नव लाख के
तोहर मउरी हवऽ नव लाख के ।
जरा जइहऽ1 काँटेकुसे बच के ॥ 1 ॥
नदी नाले से चलिहऽ सँम्हर के2 ।
जरा लाड़ोसन्दर्भ त्रुटि : टैग के लिए समाप्ति टैग नहीं मिला से रहिहऽ सँम्हर के ॥ 2 ॥ | magahi-mag |
म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर
म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर
म्हारा काकाजी के मांडी गणगौर
रसीया घडी दोय खेलवाने जावादो
घडी दोय जावता पलक दोय आवता
सहेलियाँ में बातां चितां लागी हो रसीया
घडी दोय खेलवाने जावादो
थारो नथ भलके थारो चुड़लो चमके
थारा नेना रा निजारा प्यारा लागे हो मारुजी
थारा बिना जिवडो भुल्यो डोले | rajasthani-raj |
रसीणे के कमरे में जच्चा हमारी री
रसीणे के कमरे में जच्चा हमारी री
री जच्चा राणी सोच मत करणा
दाईये बुलावैगा जेठ तुम्हारा
री जच्चा राणी फिकर मत करणा
दीवला बालेगी सास तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
पीलंग बिछावैगी जेठाणी तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
थाल बजावैगी दुराणी तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
चूची धुवावैगी नणन्द तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
सथिये लगावैगी बामणी तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
होम करावैगा ससुरा तुम्हारा
री जच्चा राणी सोच मत करना | haryanvi-bgc |
गोदी के अंदर भगत राम राम रह्या टेर
गोदी के अंदर भगत राम राम रह्या टेर
जब से चरचा सुणी थी हर की राम नाम की लगी लगन
समझाया था एक न मानी दरसन की थी लगी लगन
हरिणाकस नै नांय सुहाया क्रोध की अग्नि लगी जलन
निर्भय हो कै भजा भगत ने भै की भूतणी लगी भगन
होलकां ले गोदी में बैठी फूँक जलाद्यूँ ढेर
गोदी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर
होलकां का एक सील वस्तर था लोम रिसी से पाया था
जिस में अगनी परवेस हुवै न यो ही कथा में गाया था
पहिले भी या सती हुई थी यो ए ओढ़ सुख छाया था
अब कै बैर कर्या हर सेत्ती नहीं हुया मन चाहा था
सील वस्तर के अन्दर बड़ कै लागी थी वे करण अंधेर
गोदी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर
चौगरदे कै चिता चिणा के जिस के बीच में दई अगन
जद वा अगन जारी हुई थी चन्दन लकड़ी लगी जलन
चौगरदे के असर फिरैं थे जिनक े हाथ में खड्ग नगन
जगहां नहीं थी कहीं निकलण नै असर रहे थे घेर
गोदी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर
मुलतान सहर के सब सजनां नै अगनी में माला गेर दई
दीनानाथ बचा लड़के नै या सन्तों ने टेर दई
तेरा नाम छिपजा दुनिया में हमने भतेरी फेर लई
जै लड़का जल जाय अगन में इन असरां की जीत हुई
जै भगत जल जा अगनी में के कर ल्येगा फेर
गोदी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर
ऐसी पवन चली जोर की चिता तो पाड़ बगाय दई
सील वस्तर को उथल पुथल के लड़के पै उठाय दई
दगा किसी का सगा नहीं सै समझैगा को सिहणी का सेर
गोदी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर | haryanvi-bgc |
सुआ गीत-3
तरी नरी नहा नरी नही नरी ना ना रे सुअना
तुलसी के बिरवा करै सुगबुगसुगबुग
रे सुअना
नयना के दिया रे जलांव
नयनन के नीर झरै जस औरवांती
रे सुअना
अंचरा म लेहव लुकाय
कांसे पीतल के अदली रे बदली
रे सुअना
जोड़ी बदल नहि जाय | chhattisgarhi-hne |
ब्रह्मकौंल
प्रभो , जौं1 से गंगा पैदा होई ,
सोई चरण सुमिरण करदौं ।
जु चरण रैन नन्द का आंगण ,
जु चरण रैन जसोदा की गोदी ,
सोई चरण सुमिरण करदौं ।
प्रभो , एक दां कृष्ण भगवान
द्वारिका मा बैठीक खेलणा छा पासो2 ।
छुयौं3 पर छुई ऐन4 , नारद जी न बोले ;
हिमाचल कांठा5 मा जौलाताल
राजकुमारी रंदी तख एक मोतीमाला
सोना का पासा छन वीं मू ,
चाँदी की छन चौकी ।
रूप की आछरी6 छ वा दिवा7 जसी8 जोत ,
रघुकुँठी घोड़ी साजी वैन9 ,
लाडलो बरमी पौंछे10 कृष्ण पास ।
बोल बोल दिदा11 , क्या काम होलू मैकू ?
तब बोलदा कृष्ण भगवान मन की बात
त्वै12 जाणू होलू13 बरमी हिंवचल काँठा ,
सोना का पासा लौणन , चांदी कीचौकी
जौलाताल रैंदा14 बल मोतीमाला ,
जीतीक लौण भुला15 मोतीमाला मैकू तई ।
तब चलीगे बरमी हिंवचल काँठा ,
सत होलू सत विमला रौतेली ,
सत पीनी होली मैन सहस्त्रधारी ददी ,
मेरी रगुकुँठी घोड़ी गगन चढ़यान ।
तब गगन मा चढ़ीगे , अगास उड़ीगे ,
रघुकुँठी घोड़ी वा वैकी ।
पौछीगे बरमी हिंवचल कांठा
जौलाताल मू वो नहेण लैगे ।
तब जाँदीन चेली16 पाणी भरण ,
तब आई गए सौंली शारदा
रूप की प्यासी छै वा मोतीमाला की दासी
सौंली शारदा तब दृष्टि घुमौंदी ,
देखीले तन लाडलो बरमी
साँवली सूरत वैकी , मोहनी मूरत ।
रौड़दीदौडदी गै17 बल सौंली शारदा ,
मोतीमाला का त पास
अंगूठी गैणुवा18 जीं का , बाल काली बादुली19 ।
चीणा20 जसी चम21 फ्यूँली22 जसो फूल
नौण23 सी लुटकी24 हिंसर25 सी गुन्दकी ,
मोतीमाला होली बांदू26 मां की बांद ,
चांदू मा की चांद होली , कृष्ण त्वई लैख27 ।
रूप का रसिया छया कृष्ण , फूलू का हौंसिया28 ।
सीलो ज्यू29 भगवान को रसपैस30 गए ,
पूछे ऊन एक एक करी सब ज्वान31 ,
पर वख जाणक कैन हुँगारो32 नी भरे ।
तब रगड़े कृष्णन बदन अपणो ,
पैदा होई गए कनी भौंरों की टोली ।
भेजीन तब भौंरा हिवंचल काँठा ,
ब्रह्मकोट रंदो छयो लाडलो ब्रह्मकौंल ।
बथौं सी उड़ीन भौंरा , अगास चढ़ीन ,
घूमदा घूमदा गैन ब्रह्मकौंल का भौन ।
बठीन वो देणी भुजा मा बरमी की ,
जाणीयाले तब वैन बड़ा भाई को रैबार33 आयो ।
तब तैयार होन्दू द्वारिका जाणक ,
हे मेरी जिया34 विमला सहस्त्रधारी ,
मैंन जाण द्वारिका , मैं कू आयूं हुकम छ
नि जाणू बेटा , दखिण द्वारिका ,
वीं रतन द्वारिका रंदो कालो नाग ।
लाडला बरमीन बल एक नी माणी ,
मरण वचण जिया , मैन द्वारिका जाण ।
सुण सुण मोती , पीफल चौरी35 देख ,
सौंली36 सूरत कू कुई चौरी मू बैठ्यूँ छ ।
रतन्याली37 आँखी छन वेकी , पतन्याली फिली38 ।
मोतीमाला तब देखी बरमी को रूप :
जा दू जा दू शारदा वै लाऊ बुलाई ।
शारदा तब ऐगी बरमी का पास ,
छेद39 छेदी पूछदी तब वैसे बात ।
मैं विमला को जायों40 छऊँ , जाति को जादव ,
मिलण आयूँ मैं भाभी मोतीमाला ।
मोतीमाला कन्या छ कुँवारी ,
तीन सौ साठ राजा ऐन आज तैं ,
कुछ हारी गैन , कुछ मान्या गैन ।
बोल बोल बरमी , तेरी वा भाभी होई कनाई41 ?
सौंली शारदा मुलकुल42 हैंसण लैगे :
केकू43 आई होलू छोरा , वैरी का वदाण44 ,
वैरी का वदाण आई , काल का डिल्याण ।
फ्यूँली को फूल देखी वीं दया ऐगे ।
तब बोलदी शारदाः जिया को लाडलो होलू तू ,
अगास को गैणो होलू तू , कै दिल को फूल ।
राणी मोतीमाला छ पांसा की शौकी ,
तिन45 हारीक बरमी मान्या जाण
पर जु बचणू चाँदू46 त मेरी बात सुण्याला ,
जै47 चौकी मा बिठाली , वीं मा न तू बैठी ।
तब सौली शारदा ली गए वे मौती का भौन ।
सेवा मानी सेवा , भाभी मेरी मोतीमाला ।
मोतीमाला न उठीक बैठाये बरमी ,
बैठीक जिमाये खटरस भोजन ।
खिलैक पिलैक तब वा बोलण लैग
सुण्याल बरमी जरा पांसुड़ी48 खेल्याल ।
गाडीन वींन चाँदी का चौपड़ , सोना की पाँसुड़ी
अपणी चौकी गाडे49 वींन50 , बैठी गए ,
बैठैयाले बरमी हैका51 चौकी पर ।
तब लाडलो बरमी पाँसा दऊ52 देन्द
पैला दऊ हारिगे बरमी , रघुकुँठी घोड़ी ,
तब हारीन बरमीन कानू का कुण्डल ,
तब हारीन बरमीन हाथू का मणिबंध ।
हाथू का मणिबंध , गात का बस्तर ।
तब छूटिगे बरमी , खाली मासपिंड ।
माता की बोलीं तब याद औंदी ।
कैं घड़ी माँ पैटी53 हालू मैं ये हिंवंचल काँठा ,
प्रभु ई विपत से मैं आज कू बचालू ?
याद आये तबारी शारदा बोलीं ,
बोले बरमीनः भाभी मैं तीस लैगे ।
जादू मेरी सौंली पाणी लौमोतीन बोले
तब मुँडली54 ढगड्योंद55 लाडलो बरमी ,
तू पिलौ भाभी अपणा हाथ पाणी ,
चेली56 को लायू57 पाणी मैं नी पेन्दो ।
तब जाँदी मोतीमाला पाणी पन्यारी58 ,
लाडला बरमी क पाणी लौंदी59 बाँज60 को जड्यों61 कू ।
बरमीन हार चौकी छोड़े , मोती की चौकी बैठे ।
मोतीमाला लौटीक देखदी
मेरी चौकी छोड़ बरमी , पाणी पे तू
जगा उठा की होण या बैठा की ?
मैन तब पेण पाणी , जब पांसू खेल्यान ।
बबराँदी62 छ ककलाँदी63 मोतीमाला ,
मड़ो64 मन्यान65 तेरो जैन धोका करे ।
खेलण बेठीन दुई फेर पाँसुड़ी
बरमीन पैला दाऊ जीतले रघुकुण्ठी घोड़ी ,
कानू का कुण्डल जीतेन , तब हाथू का मणिबंध ।
विजोरिया हँसुली जीती , झंझरियाली बेसर ,
सोवन पाँसुड़ी जीतीले , चाँदी की चौकी । | garhwali-gbm |
राम कहाँ मोरी माई भरत पुछे
राम कहाँ मोरी माई भरत पुछे
१ जब सी भरत अवध मे आये ,
छाई उदासी भारी
अड़घाट घेरियो मोहे परघाट घेरियो
प्रजा ढुंढे जग माही . . .
भरत पुछे . . .
२ राजा दशरथ के चारी पुत्र ,
चरत भरत रघुराई
चरत भरत को राज दियो है
राम गया बंद माही . . .
भरत पुछे . . .
३ माता कौशल्या मेहलो मे रोये ,
बायर भारत भाई
राजा रशरथ ने प्राण तज्यो है
कैकई रई पछताई . . .
भरत पुछे . . .
४ राम बिना रे म्हारी सुनी आयोध्या ,
लक्ष्मण बीन ठकुराई
सीता बीन रे म्हारी सुनी रसवोई
अन कोण करे चतुराई . . .
भरत पुछे . . .
५ आगे आगे राम चलत है ,
पीछे लक्ष्मण भाई
जिनके बीच मे चले हो जानकी
अन शोभा वरणी न जाई . . .
भरत पुछे . . . | nimadi-noe |
बिटिया
बिटिया तो है कपला गाय ,
न अपने मुख सें कछु वा काय ,
जमाने के सब जुलम उठाय ,
ओंठ सें बोल न दो बोले ,
महा जहर खाँ भी अन्तर में ,
अमरितसौ घोले ।
सान्ति की सूरत है ,
सील की मूरत है ।
अन्तर में होंय आग तौउ बा सीतल बानी बोले ,
नौनीबुरइ सबइ की सुनबै भेद न मन कौ खोले
खुसी में थोड़ौ मुसक्या देत ,
लाज सें दृग नीचे कर लेत ,
न ईसें आगें उत्तर देत , मन की चाहे धरा डोले ।
करत है जब कोऊ ऊकी बात ,
तौ नीचौ सर करकें उठ जात ,
लाज भर नखसिख सें ,
कछू ना कह मुख सें ।
सावन की सोभा है बिटिया और दोज कौ टीकौ ,
न्यारौन्यारौ रूप है ईको मातबहिनपतनी कौ ।
ईकौं केवल कन्यादान ,
होत है कोटन जग्य समान ,
दओ जिन उनके भाग्य महान , भाग्य दोऊ कुल के खोले ।
सजाबै अपनों घर संसार ,
प्यार कौ लै अपार भंडार ,
जात घर साजन के ,
छोड़ सँग बचपन के ।
कर दए पीरे हाँत , पराए हो गए बापमताई ,
छूटे पौंर , देहरी , आँगन , पनघट गलीअथाई ।
चली तज बाबुल कौ घरगाँव ,
और माँ की ममता की छाँव ,
परबस जात पराए ठाँव , चली डोली होलेहोले ।
याद कर भाईबहिन की जंग ,
संग सखियन के बिबिध प्रसंग ,
नैन भरभर आबैं ,
सबइ छूटे जाबैं ।
पलकन की छाया में राखो , सुखसनेह सें पालो ,
ऐसी नौनी रामकुँवर पै , परै न राम कसालो ।
रातदिन दुआ करै पितुमात ,
सौंप दओ जीके हाँत में हाँत ,
संग में ऊके रहै सनात , नाथ की सेवा में हो ले ।
जराबै संजा कैं नित दीप ,
धरत है तुलसीधरा समीप ,
बड़न के पग लागै ,
कुसल पतिकी माँगै ।
लरका जग में एकइ कुल कौ , कुलदीपक कहलाबै ,
‘पुत्रि पवित्र करे कुल दोऊ’ रामायन जा गाबै ।
कन्या कुलवंती जो होय ,
तौ ऊसें जस पाबें कुल दोय ,
अपने मन मानस में धोय , तौल कें फिर बानी बोले ।
करत है हरदम मीठी बात ,
मनौ होय फूलन की बरसात ,
कि जीमें समता है ,
हिये में ममता है । | bundeli-bns |
सालय ईटा जड़ा ऊमन जे
सालय ईटा जड़ा ऊमन जे
सालय ईटा जड़ा ऊमन जे
सालय पला ऊल खेंडो बेटी मारे
सालय पला ऊल खेंडो बेटी मारे
अमा भाभी भाने बेटी
अमा भाभी भाने बेटी
अमा माये भाने बेटी मारे
अमा माये भाने बेटी मारे
बाय इजा ऐजे बेटी
बाय इजा ऐजे बेटी
रोचो रोचोनी जोम डो बेटी मारे
रोचो रोचोनी जोम डो बेटी मारे
स्रोत व्यक्ति सुनीता , ग्राम मकड़ाई | korku-kfq |
268
नाथा जिऊंदयां मरन है खरा औखा साथों ऐडे ना वायदे होवने ने
असी जट नाड़ीयां1 करन वाले असां कचकड़े नांह परोवने ने
अखीं कन्न पड़ाय के खवार होए सारी उमर दे दुख दुखोवने ने
साथों खपरी2 नाद3 ना जाए सांभे असां अंत नूं ढगड़े जोवने ने
रन्नां नालों जो वरजदे चेलयां नूं एह गुरु ना बन्न के दोवने ने
रन्नां देन गाली असीं चुप करीए एडे सबर दे पैर किस धोवने ने
हस खेडना तुसां चा मने कीता असां धुप दे गोहे ना ढोवने ने
वारस शाह कहे अंत आखरत नूं कटे जावने ने मटे घोवने ने | panjabi-pan |
विवाह गीत
वधू पक्ष तारा माटीनो मांडवो वो , मांडवे आइ बठि ।
तारा लाडा नो मांडवो वो , मांडवे आइ बठि ।
तारा ढुकण्यानो मांडवो वो , मांडवे आइ बठि ।
वर पक्ष से हामु रूप्या भर्याने , हामु मांडवे आइ ।
हामु हजार भर्याने , हामु मांडवे आइ ।
वधू पक्ष तारा माटीनो मांडवो , मांडवे आइ बठि ।
वर पक्ष तारा माटी ना रूप्यावो , रूप्या खाइ बठि ।
तारा लाडाना रूप्यावो , रूप्या खाइ बठि ।
वधू पक्ष की महिलाएँ गीत में कहती हैं कि तेरे खसम का मंडप है जो आकर
बैठ गई ? वर पक्ष से उत्तर दिया गया है कि हमने रुपये दिये हैं इसलिए मंडप
में आई हैं , हमने हजार रुपये दिये और मंडप में आये हैं । | bhili-bhb |
केकरा चौंर जलम जदुनन्नन, केकरा बंस बढ़िये गेल माई
केकरा1 चौंर2 जलम जदुनन्नन , केकरा बंस बढ़िये गेल माई ।
नाना के चौंर जलम जदुनन्नन , दादा3 के बंस बढ़िय गेलइ माई ॥ 1 ॥
घोड़वा चढ़ल आवे भइया , बहिनी धयलन4 लगाम गे माई ॥ 2 ॥
छठी5 पूजन भइया साठ रुपइया , आँख अँजन6 सोने थारी7 माँगब ।
पान खवैया8 पनबट्टा माँगब , पिरकी9 बिगन10 उगलदान ।
आपु11 चढ़न भइया डोला12 माँगब , स्वामी चढ़न घोड़ा गे माई ॥ 3 ॥
जेकरा से13 अगे14 बहिनी एतना न होवे , से कइसे15 बहिनी बोलावे गे माई ॥ 4 ॥
हम जेा जनती ननद , दीदी अइहें नश्हर जाके पझैती16 गे माई ।
जब तोहें भउजी नइहर जयतऽ , नइहर आके नचइती गे माई ॥ 5 ॥ | magahi-mag |
आपसे हो म्हारो लखपति बाप
आपसे हो म्हारो लखपति बाप ,
साड़ी लावसे रेशमी जी । ।
हऊं नापूँ तो हात पचास ,
तोलूँ तो तोला तीस जी । ।
हऊँ धरूँ तो तरसऽ म्हारो जीवड़ो ,
पेरूँ तो खिरऽ मोतीड़ा जी । ।
आवसे हो म्हारो लखपति बाप ,
साड़ी लावसे रेशमी जी । । | nimadi-noe |
137
हिक मार लतां दुई मार छमक1 त्रीई नाल चटाकियां मारदी ए
कोई इट बटा जुती ढीम पथर कोई पकड़ के धौन मुढ मारदी ए
कोई पुट दाहड़ीदुबरू विच देंदी कोई डंडका विच गुजारदी ए
चोर मारीदा देखने चलो साधो वारस शाह एह जबत सरकार दी ए | panjabi-pan |
कदी आ मिल
कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ ।
इशक लगे ताँ है है कूकें , तूँ की जाणे पीड़ पराई नूँ ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ ।
जे कोई इशक विहाजिआ लोड़ें , सिर देवें पैहले साईं नूँ ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ ।
अमलाँ वालिआँ लंघ लंघ गइआँ , साडिआँ लज्जाँ माही नूँ ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ ।
गम दे वहम सितम1 दीआँ काँगाँ किसे कहर कप्पड़ विच्च पाई नूँ ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ ।
माँ पियो छड्ड सइआँ मैं भुल्ली आँ , बलिहारी राम दुहाई नूँ ।
कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ । | panjabi-pan |
160
रांझे दीयां भरजाइयां तंग होके खत हीर सयाल नूं लिखया ए
साथों छैल वधीक सौ वार सुटी लोक यारियां किधरों सिखया ए
देवर चंद साडा साथों रूस आया बोल बोल के घरां थीं त्रिखया ए
साडा लाल मोड़ो सानूं पायो जानो कमलियां नूं पाई भिखया ए
कुड़े सांभ नाहीं माल रांझयां दा कर सारदा दीदड़ा तिखया ए
झट कीतियां लाल न हथ आवण सोई मिले जो तोड़ दा लिखया ए
कोई ढूंढ़ वडेरड़ा कम जोगाअजे एह ना यारियां सिखया ए
वारस शाह लै चिठियां दौड़या ई कम्म कासदां1 दे मियां सिखया ए | panjabi-pan |
अखरे गोबर से सासु अंगना नीपलियै
अखरे गोबर से सासु अंगना नीपलियै
ओहि चढ़िनाहियाबहु भैया के बटिया ,
सासु जेबै नैहरबा ओहि चढ़ि ना ।
काटबै सामल सीकिया ,
बेढयै जमुनमा ओहि चढ़ि ना ।
सासु जेबै नैहरबा ओहि चढ़ि ना । ।
एक चेहरि खेबल रे मलहा दुई चेहरि खेबले
तेसर चेहरि डूबलै भैया के बहिनो है कि ।
ओहि चढ़ि ना ।
अम्मा जे सुनतै रे मलहा कोसी घंसि मरतै रे कि ,
बाबा जे सुनतै रे मलहा धरती लोटेतै हे कि ,
भैया जे सुनतै रे मलहा जाल बाँस खिरेतै रे कि
भौजी जे सुनतै रे मलहा भरि मुँह हँसतै रे कि
भने ननदो डूबली रे की ।
ओहि चढ़ि ना । | angika-anp |
चन्दरमा निरमळई रात
चन्दरमा निरमळई रात ,
तारो कँवऽ उँगसे ?
तारो ऊँगसे पाछली रात ,
पड़ोसेण जागसे जी । ।
धमकसे मही केरी माट ,
धमकसे घट्टीलो जी ,
ईराजी घर आवसे ,
रनुनाई खऽ आरती जी । । | nimadi-noe |
हमनी के रहब जानी दूनू हो परानी
हमनी के रहब जानी दूनू हो परानी
अंगना में कींचकाँच दुअरा पर पानी
खाला ऊँचा गोर पड़ी चढ़ल बा जवानी
देशविदेश जालऽ टूटही पलानी
केकरा पर छोड़के जालऽ टूटही पलानी
कहत महेंदर मिसिर सुनऽ दिलजानी
केकरा से आग मांगब , केकरा से पानी | bhojpuri-bho |
दुनिआं मैं रे बाबा नहीं रे गुजारा किसी ढब तै
दुनिआं मैं रे बाबा नहीं रे गुजारा किसी ढब तै
घर मैं रहै तो कैसा जोगी बन मैं रहे विपत का भोगी
मांगै भीख बतावै लोभी त्यागी बण ग्या कब तै
दुनिआं मैं रे बाबा . . .
बोलंू तो बेचाल बतावै नहीं बोलै गरभाय रह्या
करैं कुसामंद हार गया है डरै रै हमारे डर तै
दुनिआं मैं रे बाबा . . .
धरम करै तो दरब लुटावै नहीं करै तो सूम बतावै
क्या कहूं कुछ कहीए ना जावै परीत करै मतलब तै
दुनिआं मैं रे बाबा . . .
अचार करूं पाखंड मचावै नहीं करूं तो पसू बतावै
हंसूं तो कहते हैं मस्तावै नहीं हंसूं तो बिंधा मरज तै
दुनिआं मैं रे बाबा . . .
नींदा अस्तुती दोनों त्यागे सुब असुब पीठ दे भागे
राम परताप चरण चित लागै तब रै जीते इस जग तै
दुनिआं मैं रे बाबा . . . | haryanvi-bgc |
157
तुसीं घल देहो तां अहसान होवे नहीं चल मेला असीं आवने हां
गल पलड़ा पा के वीर सभे असी रूठड़ा वीर मनावने हां
असां आयां नूं जे तुसी नाह मोड़ो तदों पयेपक पकावने हां
नाल भाइयां पिंड दे पैंच सारे वारस शाह नूं नाल लै जावने हां | panjabi-pan |
सावां गीत
सब याही आया वोते एक याही नी आया
लाव कटोरी काटो नाक , लाव विचारा नो ढाकूं नाक
डांडेडांडे उतरवो बाई छछूंदरी ,
कालगान चोटी कातरवो बाई छछूंदरी
सावां लाने वालों के लिए गीत में कहा गया है कि सभी समधी भाई हैं , कटोरी
लाओ इनकी नाक काटूँ और कटी हुई नाक ढाँक दूँ । छछूंदर से कहती है कि
तू छत की लकड़ियों के सहारे नीेचे उतर । सावां लाने वालों में से किसी की चोटी
कतर डाल । | bhili-bhb |
मोछंग
1 .
धारमं1 बैठिकी पूर्ण निश्चिन्त हैवे
आ , सुणौदौं सुणा आज मोछंग कू ।
साज मां साज ली , राग मां बाजली
चित्त की क्वो छिपीं आह भी खोलली ।
2 .
देश का हर्ष मां , दुख मां , प्रेम मां
ईश की भक्ति मां , ठाठ से बाजली ।
ताल मां , तान मां , कान मां गूंजली
ई सुणी , चित मां चाह भी सूजली
3 .
एक ही गूंज से गूंजलो विश्व यो
देश मां जाग भी , जोश भी फैललो ।
मातृभाषा भरीं एक या द्वो कड़ी
भाव शृंगार को रूप भी खोलली ॥
4 .
धार ये , गाड़2 वो , डांडि3 मैदान से
एक ही भौण4 मां ये हुँगारा भरी ।
ओर से पोर तैं गाजली , गूंजली
आज मोछंग का गीतसंगीत मां ॥
5 .
वार की पार की , जोड़ि की तोड़ि की
बात द्वी , की गढ़ी ढंग से बोलली ।
ह्वै सक्यो तो भला रांगसाहित्य मां
या रँगाली न क्या आपका चित्तकू ?
6 .
रोपिकी आश को तार आकाश मां
भाव का झूलना मां झुलाली अभी ।
मस्त होली अफ्वी , आपकू तैं रिझै
कल्पनाभावनाका नया राग मां ?
7 .
ई सुणी जागलो आपका ख्याल मां
जाति को प्यार , औ देश सेवा अभी ।
जागला आप ही रोंगटा गात मां
चित्त मां ज्ञान की जोत भी भासली ॥ | garhwali-gbm |
देन्णा होई जाया बें सेळी धरती
देन्णा होई जाया बें सेळी धरती
देन्णा होई जाया बें भूमियाळा दयोऊ
देन्णा होई जाया बें माईऽऽमडूली
देन्णा होई जाया बें रितू बसंता
देन्णा होयां देवताओं उलामुला मासा
देन्णा होयां देवताओं चुलामुला बारा
ऋतू बौडी औगया बै दाई जसो फेरो
ऋतू बौडी औगया बै बारूणी बगत
उलापैटा मासा बै बौडी कै नी औना
ऋतू फेरी बसंता बै फेर बौडी औगे
सूकुओ का सनणा बै मौली कै नी औना
हरी भरी सनणा बै फेर मौळी औगे
कनु औगे दयाल्तायों चौपन्थी चौखाळ
मौळणाऊ लैगे बै चांचर की धूप
ऋतू चाडों बासना ऋतू ऋतू बोना
ऋतू चाडी बासनी मैतामैता बोनी
ओखाडा की फाग्यूं माँ कफ़ूणा बासलों
सान्योंसान्यों बासा बै घुघूती घूरली
सैळा जैटा बारां बै सैळी सूरी बासा
माळनो की घुघूती पराबतूं आगे | garhwali-gbm |
566
काज़ी खोह दिती हीर खेड़यां नूं यारो एह फकीर दगौलिया1 जे
विचों चोर ते यार ते लुचा लुंडा वेखो बाहरूं वली ते औलिया जे
दगेदार ते झागडू कलाकारी बनी फिरे मुशायख2 मौलिया जे
वारस दगे ते आवे तां सफ गाले अखीं मीट बहि जापे औलिया जे | panjabi-pan |
भजमन राम सिया भगवानै
भजमन राम सिया भगवानै ,
कछू संग नइँ जानै ,
धन सम्पत सब माल खजानौ ,
रैजें येई ठिकानैं ।
भाई बन्द उर कुटुम कबीला ,
जे स्वारथ सब जानैं ।
कैंड़ा कैसौ छोर ईसुरी ,
हँसा हुयें रवानै ॥ | bundeli-bns |
376
एस घुंड विच बहुत खवारियां ने अग लायके घुंड नूं साड़ीए नी
घुंड हुसन दी आब छुपा लैंदा वडे घुंड वाली रड़े मारीए नी
घुंड आशकां दे बेड़े डोब देंदा मैना ताड़ ना पिंजरे मारीए नी
तदों एह जहान सब नजर आवे जदों घुंड नूं जरा उतारीए नी
घुंड अनयां करे सुजाखयां नूं घुंड लाह मुंह उपरों लाड़ीए नी
वारस शाह ना दबिए मोतियां नूं फुल अग्ग दे विच ना साड़ीए नी | panjabi-pan |
93
माए रब्ब ने चाक घर घलया सी तेरे होननसीब जे धुरों चंगे
एहो जेहे जे आदमी हथ आवण सारा मुलक ही रब्ब तों दुआ मंगे
जेहड़े रब्ब कीते कम होए रहे सानूं मांउ कयों गैब दे दें पंगे
कुल सयानयां मुलक नूं मत दिती तेग मेहरियां1 इशक ना करो नंगे
नांह छेड़िये रब्ब दयां पूरयां नूं जिनंहां कपड़े खाक दे विच रंगे
जिन्हां इशक दे मामले सिरीं चाये वारस शाह ना किसे तों रहन संगे | panjabi-pan |
भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी।
भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी1 ।
पीहड़ी पिच्छे पिछावाड़े रहि गई ,
हत्थ विच्च रहि गई जुट्टी ।
अग्गे चरखा पिच्छे पीहड़ा ,
मेरे हत्थों तन्द तरूटी2 ।
भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी ।
दाज जवाहर असाँ की करना ,
जिस प्रेम कटवाई मुठ्ठी ।
उहो चोर मेरा पकड़ मंगाओ ,
जिस मेरी जिन्द कुट्ठी ।
भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी ।
भला होया मेरा चरखा टुट्टा ,
मेरी जिन्द अजाबों छुट्टी ।
बुल्ला सहु ने नाच नचाए ,
ओत्थे धुम्म कड़ कुट्टी3
भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी । | panjabi-pan |
जेहि देस सिकियो न डोलय
जेहि देस सिकियो1 न डोलय2 साँप ससरि3 गेल हे ।
ललना , ओहि4 देस गयलन5 दादा रइया6 अँगुरी धरि कवन बरूआ हे ॥ 1 ॥
पहिले जे मरबो साहिल7 काँटा चाहिला8 हे ।
ललना , तबे हम मरबो मिरिगवा , मिरिगछाल9 चाहिला हे ।
ललना , तबे हम कटबो परसवा10 परास डंटा चाहिला हे ॥ 2 ॥
ललना , तबे हम कटबो मुँजिअबा , मुँजिअ11 डोरि चाहिला हे ।
ललना , आज मोरा बाबू के जनेउआ , जनेउआ पीला12 चाहिला हे ॥ 3 ॥ | magahi-mag |
बदली टलन गदलीकेन
बदली टलन गदलीकेन
बदली टलन गदलीकेन
बदली टलन गदलीकेन हुई
बदली टलन गदलीकेन हुई
लाबा जोबेन लचकेन
लाबा जोबेन लचकेन
लाबा जोबेन लचकेन हुई
लाबा जोबेन लचकेन हुई
स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर | korku-kfq |
पांच बरस की ब्याह के उठ गए
पांच बरस की ब्याह के उठ गए परदेस सुनो रै राजा भरथरी
बारह बरस में रै राजा बाहवड़े आए सैं बागां के बीच
सुनो रै राजा भरथरी
बागां के उठे रै जोगी चल पड़े आए हैं माता दरबार
सुनो रै राजा भरथरी
भिच्छा तै घालो री माता तावली जोगी खड़े तेरे बार
सुनो रै राजा भरथरी
भिच्छा तै घालूं रै जोगी तावली तेरी सूरत मेरा लाल
सुनो रै राजा भरथरी
भूली फिरै सै री माता बावली तूं सै जनम की बांझ
सुनो रै राजा भरथरी
माता ने छल कै जोगी चल पड़ा आया सै भाण के बार
सुनो रै राजा भरथरी
भिच्छा तै घालू रै जोगी तावली तेरी सूरत मेरा बीर
सुनो रै राजा भरथरी
भूली फिरै सै है भैणा बावली तूं सै जन्म की एक
सुनो रै राजा भरथरी
भैणां ने छल के जोगी चल पड़ा आया सै तिरिया के पास
सुनो रै राजा भरथरी
भिच्छा तै घालूं रै जोगी तावली तेरी सूरत मेरा नाथ
सुनो रै राजा भरथरी
भूली फिरै सै राणी बावली तूं सै फेरां की रांड
सुनो रै राजा भरथरी
गल मैं तै घालूं जोगी ओढण ईब चालूं तेरी साथ
सुनो रै राजा भरथरी
हाथ के तै बांधा रे जोगी कांगणा सिर कै तै बांधा मोड़
सुनो रै राजा भरथरी
रोवत बांध रे तिरिया कांगणा छीकत बांधा मोड़
सुनो रै राजा भरथरी | haryanvi-bgc |
सभवा बइठल रउरा बाबा कवन बाबा हो
सभवा बइठल1 रउरा2 बाबा कवन3 बाबा हो ।
बाबा लाबर4 मोरा छेँकले5 लिलार6 करहुँ जगमूँड़न हो ॥ 1 ॥
झारि7 बान्हु8 सम्हारि9 कवन बरूआ10 हो ।
आवे दहु जेठ बइसाख , करहु जग मूड़न हे ।
करबो11 अलबेला के मूंड़न हे ॥ 2 ॥ | magahi-mag |
बिना बल के जवान
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
कांहा ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना ।
कंहवा ले रे पान , कंहवा ले रे पान ।
कांहा ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥
कंहवा के जवान , कंहवा के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
होली है . . . . . . . . . . . . . . .
कटनी ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना ।
रायपुर ले रे पान , रायपुर ले रे पान ।
पटना ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥
धमतरी के जवान , धमतरी के जवान ।
फोरे न फूटे सुपलिया ।
बिना बल के जवान , बिना बल के जवान
फोरे न फूटे सुपलिया ।
होली है . . . . . . . . . . . . . . . | chhattisgarhi-hne |
गरि परवत से चलल माता कोसिका
गिरि परवत से चलल माता कोसिका , चलि भेलै गंगा स्नान
घड़ी एक पहुँचवै माता कोसी गंगा घाट ।
निशि भाग राति माता कोसिका करै छियै किलोल ,
से लावू नैया दियौ गंगाजी के घाट पर ।
से माता निशि भाग राति में
किए करै छै किलोल
की छियै दैतनीकी छियै भूतनी ।
नै छी हम दैतनी , नै हम भूतनी ,
जाति के हम छी बाम्हन ,
बाप राखलक कोसिका नाम ।
कल जोड़ि माता करै छी परनाम
टुटले नैया टुटले पतवार ।
कोना करब गंगा के पार ।
सोना से मढ़ाय देवौ दूनू मांगि ,
रूपा से मढ़ेबो करूआरि
सात दिन सात राति माता कोसिका
झलहेर खेलवैये ।
सात दिन सात राति माता कोसिका
खेललो झलहेर ,
से मांग रे मलहा इनाम ।
जो लागि कोसिका ने करवे सत परिनाम ,
तो लागि नै मांगवो इनाम ।
एक सत के लिये दोसर सत केलियै
तेसर सत केलियै परिनाम
घर में माता छै अंधी
बुढ़िया नाच हमरा पद बांझ दे छोड़ाय
माता के हेतो आँखि दई लोचना
तोराके बांझ पर देव छोड़ाय
कल जोड़ि मिनती करै छी माता कोसिका ,
रन बेरि कोसिका होहु ने सहाय । | angika-anp |
माची बसन्ता सासू जी हो
माची बसन्ता सासू जी हो
म्हारी माड़ी जाई ने पीयर लई जावां
बाराबारा भैस्यां रो दूध म्हारा मां
सुगणा बिना कोण बिलोवे हो
रसोड़ा पोवन्ता जेठाणी हो
म्हारी माड़ी जाई ने पीयर लई जावां
घड़ीघड़ी पोवणो , ने घड़ीघड़ी पीसणों
म्हारी सुगणा बिना कौन पांवे हो
ढेलड़ा खेलन्ता बाई जी हो
म्हारी माड़ी जाई ने पीयर लई जावां
बेड़ेबेड़े पाणी कौण भरे
म्हारी सुगणा बिना कौण भरे
बासीदो सोरन्ता देराणी हो
म्हारी माड़ी जाई ने पीयर लई जावां
बारेबारे भैस्यां रो गोबर
म्हारी सुगणा बिना कुण सोरे
ऊँची अटारी पे पियूजी हो सुता
कणे दन मांडवो , ने कणे दन घर विवाह
कणा दन जानड़ी बुलावा हो
बीज नो मांडवी , ने तीज नो घर विवाह
चौत ना दन जानड़ी बुलावा हो
घड़ी दोय घोड़ीला थोबजे रे वीरा
म्हारी सासू जी रा पांव पड़ी आवां
म्हारी जेठाणी रा पांव पड़ी आवां
म्हारी नणद रा पांव पड़ी आवां
म्हारी देराणी से मळी आवां
घड़ी दोय घोड़ीला थोबजे रे वीरा
भरे खोले जाजो बऊ वड़
ने खाली खोले आजो
लाल गंवाई घरे आजो
ने थारा बेन्या मां सासू न ससरा
किनो छेड़ो काड़ियो वो
पालना माजना बालूड़ा रमी रया
माड़ी जाई अनमनी | malvi-mup |
गंगा माई, गाडू रिंग्या ओद
गंगा माई , गाडू1 रिंग्या2 ओद ,
गंगा माई , इनी मातमी माई ,
त्वैन उत्पइ लिने , हिमालै का गोद ।
गंगा जी , रीटी जाली काई ,
विष्णु चरण से छूटी , शिव जटा समाई ।
गंगा माई , इनी मातमी माई , शिव जटा समाई
गंगा जी , रीटी जाली काई ,
शिव जटान छूटे , मृत्यु मंडल आई
गंगा माई , इनी मातमी माई , मृत्यु मंडल आई
गंगा जी , तराजू का झोका ,
तेरी जातरा3 औंदा , देसूदेसू का लोका ।
गंगा जी , अखोडू की साई ,
सोवन की जटा माता , मोती भरी ले बाँही
गंगा माई , इनी मातमी माई , मोत्यों भरी ले बांही ।
आँगड़ा की तणी , गंगा जी ,
आगआग चले माता , पीछपीछ हीरों की कणी ।
गंगा जी , लमडाई लोड़ी ,
आग आग चले माता , पीछपीछ गौ की जोड़ी ।
गंगा माई , इनी मातमी माई , पीछ गौ की जोड़
गंगा जी मँडवा की माणी ,
चाँदी सी चलक माता , सुहागसी स्वाणी ।
गंगा माई इनी मातमी माई , सुहाग सी स्वाणी
गंगा जी , कागजू की स्याई ,
भगतू का खातर माता , मृत्यु मंडल आई ।
गंगा जी , औंलू को अचार ,
पंचनाम देव माता , करदा जैजैकार ।
गंगा माई , इनी मातमी माई , करदा जैजैकार । | garhwali-gbm |
जल भरन जानकी आई तीं (कुआँ-पूजन)
जल भरन जानकी आई हतीं
आई हतीं मन भाई हतीं ।
कौन की बेटी कौन की बहुरिया
कौन की नारि कहाई हतीं ।
जल भरन जानकी आई हतीं
आई हतीं मन भाई हतीं ।
जनक की बेटी दसरथ की बहुरिया
राम की नारि कहाई हतीं ।
जल भरन जानकी आई हतीं
आई हतीं मन भाई हतीं ।
भावार्थ
जल भरने के लिए जानकी जी आई थीं
वे सबके मन को भा गई थीं ।
वह किनकी बेटी , किनकी बहू
और किनकी पत्नी थीं ?
वे राजा जनक की पुत्री , राजा दशरथ की बहू
और श्रीराम की पत्नी थीं । | bundeli-bns |
चलो अनन्दी, चलो झुलवाए माय
चलो अनन्दी , चलो झुलवाए माय
गेरीगेरी अमली री डाल
चलो झुलवाए माय
रमवा सरको यो चौक
चालो झुलवाए माय
रमवा सरकी या रात
शरद पूनम की या रैन
चालो झुलवाए माय
पाँवों ने बिछिया सोवताए माय
थारी अनबट से लागी रया बाद | malvi-mup |
ऐ गाड़ीवाला रे
ऐ गाड़ीवाला रे , ऐ गाड़ीवाला रे
पता देजा रे पता लेजा रे
पता देजा पता लेजा गाड़ीवाला रे
तोरे नांव के तोरे गाँव के पता देजा
जिया जागत रहिबे रे बईरी ,
भेजबे कभू ले चिट्ठिया ,
काया माया के नाच नचाये
मया के एक नजरिया
ऐ गाड़ीवाला रे , ऐ गाड़ीवाला रे
पता देजा रे पता लेजा रे | chhattisgarhi-hne |
आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते (ढोला)
आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते
दीवा बाल रक्खाँ खनगाहाँ ते
तेरीयाँ मन्नताँ
जीवें ढोला
मंजी बाण दी
ढोले दीया ' रमजां ' मैं सब्बे जाणदी
भावार्थ
' आओ ढोला , इन रास्तों पर
मैं खानकाहपीर की समाधि पर दीया जलाए रखती हूँ
तेरी मनौती मानती हूँ
जीते रहो ढोला
बान की बुनी हुई खाट है
ढोला के मर्म की बातें मैं समझती हूँ ' | panjabi-pan |
मति करऽ राम वियोग
मति करऽ राम वियोग सिया हो , मति करऽ राम वियोग ।
सुतल रहनी कंचन भवन में , सपना देखली अनमोल ।
सिया हो मति करऽ राम वियोग ।
अमृत फल के बाग उजरले राम लखन के दूत ।
सिया हो मति करऽ राम वियोग ।
पूरी अयोध्या से दोउ बालक अइले , एक सांवर एक गोर ।
सिया हो मति करऽ राम वियोग ।
बाग उजरले लंक जरवले , दिहले समुंदर बोर ।
सिया हो मति करऽ राम वियोग । | bhojpuri-bho |
231
तैनूं चाअ सी वडा वयाह वाला भला होया जे झब वहीजिए1 नी
एथों निकल गईए भलयां दिनां वांगू अते सौहरे जा पतीजिए नी
रंग रतीए वौहटिए खेडयां दिए कैदो लंगे दिए गुंड भतीजिए नी
चुलियां पा पानी दुखां नाल पाली करमक2 सैदे दे मापयां बीजिए नी
कासद3 हीर नूं आखया जायके ते खत चाक दा लिखया लीजिए नी | panjabi-pan |
502
भाबी साहन तेरे मगर धुरो लगा हलयां होया कदीम दा मारदा नी
तूं भी वहुटड़ी पुत सरदार दिए उस वी दुध पीता सरदार दा नी
साहन बाग विच लटदा हो कमला हीर हीर ही नित पुकारदा नी
तेरे नाल उह लाड पयार करदा होर किसे नूं मूल ना मारदा नी
पर उह इलत बुरी हिलया ए पानी पींवदा तेरी नसार1 दा नी
तूं झंग सयालां दी मोहनी ए तैनूं आन मिलया हिरन बार दा नी
खास किसे दे वल न धयान करदा साखां2 तेरियां उह लताड़दा नी
वारस शाह मियां सच झूठ विचों पुण कढदा अते नितारदा नी | panjabi-pan |
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