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हमका मेला में चलिके घुमावा पिया
हमका मेला में चलिके घुमावा पिया
झुलनी गढ़ावा पिया ना ।
अलता टिकुली लगइबे
मंगिया सेनुर से सजइबे ,
हमरे उँगरी में मुनरी पहिनावा पिया
मेला में घुमावा पिया ना ।
हँसुली देओ तुम गढ़ाई
चाहे कितनौ हो महंगाई ,
हमे सोनरा से कंगन देवावा पिया
हमका सजावा पिया ना ।
बाला सोने के गढ़इबे
चाँदी वाली करधन लइबे ,
छागल माथबेनी हमके बनवावा पिया
झुमकिउ पहिनावा पिया ना ।
कड़ेदीन की जलेबी
मिठाईलाल वाली बरफी ,
डंगर हेलुआई के एटमबम लियावा पिया
इमरती खियावा पिया ना ।
गऊरी शंकर धाम जइबे
अम्बा धाम के जुड़इबे ,
इही सोम्मार रोट के चढावा पिया
धरम तू निभावा पिया ना । | bhojpuri-bho |
313
वेहड़े जटां दे मंगदा चा वड़या अगे जट बैठा गां मेलदा ए
सिंगी फूक के नाद घुकाया सू जोगी गज के जा विच ठेलदा ए
वेहड़े विच अवधूत जा गजया ए मसत साहन वांगूं डंड पेलदा ए
हू हू करके संघ टडयो सू फीलबान1 जयों हसती नूं पेलदा ए | panjabi-pan |
भज ले हरि को, नाम रे मन तु
भज ले हरि को , नाम रे मन तु
१ बाल पणो तुन खेल म गमायो ,
ज्वानी म तीरीया का साथ
काम रे धंदा म वा भी गमाई
नई लियो राम को नाम . . .
रे मन तु . . .
२ आयो हो बुड़ापो न लग्यो हो कुड़ापो ,
डोलन लाग्यो सारो
शरीर आखं सी सुझतो नही रे
पड़यो पलंग का माही . . .
रे मन तु . . .
३ राम नाम को घट म हो राखो ,
राखो दिन और रात
मुक्ति होय थारी आखरी घड़ी रे
भेज वैकुन्ठ धाम . . .
रे मन तु . . .
४ कहत कबीरा सुणो भाई साधू ,
घट म राखो राम
मनुष जलम काई भाव मिल्यो रे
नई मिल अयसो धाम . . .
रे मन तु . . . | nimadi-noe |
288
रांझे अगे अयाल ने कसम खाधी नगर खेड़यां दे जा धसया ए
यारो कौन सरदार गरां केहड़ा अते लोक कदोकना1 वसया ए
अगे पिंड दे खूह ते भरन पानी कुड़ियां घतिया हस खड़खसिया2 ए
यार हीर दा भावें तां एह जोगी किसे भाग भरी चा दसया ए
पानी पी नढा छज्ञवें घाट बूटी सुन पिंड दा नाम खिड़ हसया ए
एहदा नाम है रंगपुर खेड़यां दा किसे लभया ते नहीं दसया ए
अरी कौन सरदार है भाज खानी सखी शूम3 केहा नाम जसया ए
अजू नाम सरदार है पुत सैदा जिसने हक रंझेटे दा खसया ए
सिंगी खपरी बन्ह तयार होया लंग4 चा फकीर ने कसया ए
कदी लए हुलां5 कदी झूलदा ए कदी रो पया कदी हसया ए
वारस शाह कसान जिउं होण राजा मींह औड़6 दे दिनां विच वसया ए | panjabi-pan |
ईसुरी की फाग-21
रोजई मुस्का कें कड़ जातीं
हमसै कछू न कातीं
जा ना जान परत है दिल की
काये खों सरमातीं
जब कब मिलैं गैल खोरन में
कछू कान सौ चातीं
ना जानै काहे कौ हिरदो
कपटन सोउ दिखातीं
ईसुर कबै कौन दिन हू है
जबै लगाबै छाती ।
भावार्थ
ईसुरी अपनी प्रेयसी से संवाद न होने पर कहते हैं — तुम रोज मुस्कुरा कर निकल जाती हो और मुझसे कुछ कहती नहीं हो । पता ही नहीं लगता तुम्हारे दिल में क्या है , क्यों शर्माती हो ? जब कभी गलीकूचों में मिलती हो तो लगता है कि कुछ कहना चाहती हो । न जाने तुम्हारा ह्रदय किसका बना है , मुझे तो लगता है तुम कपटी भी हो ।
ईसुरी कहते हैं — वह दिन कब आएगा जब मैं तुम्हें अपने ह्रदय से लगाऊँगा . . . ? | bundeli-bns |
ससुर जी आगे सात प्रणाम
ससुर जी आगे सात प्रणाम
बहुअड़ नै भावैं फालसे जी राज
बागां री मेवा खाओ म्हारी बहुअड़
कोई बागां में नहीं फालसे जी राज
जेठ जी आगे सात प्रणाम
बहुअड़ नै भावैं फालसे जी राज
भैसड़ दूधा पीयो बहू म्हारी जी
अब नहीं रितु है फालसे जी राज
देवर जी आगे सात प्रणाम
भाभी नै भावैं फालसे जी राज
देस्यां भाभी निंबुड़े चुखाये
कोई बागां में नहीं फालसे जी राज
राजा जी आगे सात प्रणाम
गोरी नै भावैं फालसे जी राज
पांच पियादे तो दस असवार
राजा जी चले बाग में जी राज
साथिड़े तोड़ै दाड़िम दाख जी
राजा जी तोड़ै फालसे जी राज
तोड़ ताड़ै कर बांधी चौपट पांड
जी कोई लाये महल में जी राज
खाओ सखियां खाओ घर की नार
बाकी के सइयां बांट दो जी राज
थम चिर जिओ ससुरा रे जी पूत
म्हारी भलीय पुजाई मन रली जी राज
थम चिर जिओ सजनिया री धीय
म्हारा बंस बधाया बाप का जी राज | haryanvi-bgc |
रचि रचि रचलूँ सबुज रँग सेजिया
रचि रचि1 रचलूँ2 सबुज रँग सेजिया ।
सुरुज जोति सेजिया , मोती लगल सेजिया ॥ 1 ॥
धायल , धूपल3 अयलन दुलहा दुलरइता दुलहा ।
बइठूँ , बइठूँ बइठूँ दुलहा सबुजे रँगे सेजिया ॥ 2 ॥
कइसे के बइठूँ धनि , तोहरा हे सेजिया ।
तूँ तो लगैलऽ धनि , हमर बहिनी चोरिया ॥ 3 ॥
बाबा किरिया4 भइया किरिया , परभु तोहर दोहइया ।
हम न लगवली तोर बहिनियाँ के चोरिया ॥ 4 ॥
टका5 चार बिगवौ6 हम पयबो सगरो7 धनियाँ ।
कहमा त पयबो धनि , अपन बहिनियाँ ॥ 5 ॥
अँचरा8 बिछयबो ताहाँ9 रे परभु पयबो ।
कहमा त पयबो परभु , हमहुँ सहोदर भइया ॥ 6 ॥ | magahi-mag |
हरे हरे बांस छवाय दई राय बटियां
हरे हरे बांस छवाय दई राय बटियां
मेरे बाबा सोवें सुख नीन्द दादी रानी अरज करै
मेरी बन्नो भयी वर जोग सलोनी बेटी वर मांगै
सुन के बाबा हंसि पड़े और घुड़ला कस लिया
ढूंढा धुर गुजरात ढूंढा सारा मालवा
सहरों में बड़ा सहर आयोध्या नजर पड़ी
सजनों में बड़े सजन जंवाई रघुनाथ मिले | haryanvi-bgc |
अंगिका फेकड़ा
औका बौका , तीन तड़ौका
लौआ लाठी , चन्नन काठी ।
बाग रे बग डोलडोल
सम्मर में करेला फूले
एक करेला नाम की ?
आई बिआई फूलेॅ पानेॅ पचकी जा ।
धान कूटेॅ धनियाँ , बैठोॅ बभनियाँ
केला के चोप लेॅ केॅ दौड़ेॅ कुम्हैनियाँ ।
अट्टापट्टा , नूनू केॅ पाँच बेट्टा
कोय गेलै गाय चराय लेॅ , कोय गेलै भैंसी में
नूनू हाथोॅ में दूधभात
गसगस खैलकै ।
औकाबौका , तीन तड़ौका
लौआलाठी , चन्दन काठी ।
बाग रे बग डोलडोल
पनिया चुभुक ।
चौबे चकमक दूबे नवाब
पांडे पंडित , मिसिर चमार ।
चौधरीमौधरी काठ के दीया
चौधरी
छियाछिया ।
औकाबौका , तीन तड़ौका
लौआलाठी , चन्नन काठी ।
चल गे बेटी गंगा पार
गंगा पार से आनबौ रेल
रेल गेलो चोरी ,
टलो कटोरी
इरिचमिरिच मरचाइन केॅ झावा
हाथी दाँत सबुर नै पावा ।
औकाबौका , तीन तड़ौका
लौआलाठी , चन्नन काठी
चल चल बहिनो पार गे
पारोॅ सें करेली लान
पक्कापक्का हम्में खाँव
कच्चाकच्चा तोहें खो
पकड़ बुच्ची कान गे ।
पुड़िया रे पुड़िया
घीयोॅ में चपोड़िया ।
माथ पर धुम धाम
पकड़ कनेठिया । | angika-anp |
गोना करैले रानू कोबरा बसैले
गोना करैले रानू कोबरा बसैले
ओ कोबरा में सूतलि निचित ।
माय तोरा हंटौ बाप तोरा घोपौ
जनु जाह कोसी असनान । ।
काँख लेल धोतिया रानू हाथ लेल लोटवा
चलि भेला कोसी असनान । ।
एक कोस गेला रानू दुई कोस गेला
तीजे कोस कोसी केर धार
एक डूब देलैन रानू दुई डूव देलैन
तीजे डूव धसना खसाय । ।
अस्सी मन कोदरिया कोसी माय
चैरासी मन डाँट ।
जोड़ा एक पाठी कोसी माय
तोहरा चढ़ैबौ हे ,
बकसि देहु रानू केर परान । । | angika-anp |
म्हारा भरपुर जोगी
म्हारा भरपुर जोगी ,
तुमन जगाया जुग जागजो
१ सोई . सोई प्राणी क्या करे ,
निगुरी आव घणी निंद
जम सिराणा आई हो गया
आरे उबीयाँ दुई . दुई बीर . . .
तुमन जगाया . . .
२ चुन चुनायाँ देव ढलई गया ,
आरे ईट गिरी लग चार
फुल फुलियाँ रे हम न देखीयाँ
देख्या धरणी का माय . . .
तुमन जगाया . . .
३ एक फुल ऐसा फुलिया ,
आरे बाति मिल नही तेल
नव खण्ड उजीयारा हुई हो रयाँ
देखो हरी जी को खेल . . .
तुमन जगाया . . . | nimadi-noe |
अरे भैया रघुबीर भात सवेरे ल्याइयो
अरे भैया रघुबीर भात सवेरे ल्याइयो
मेरे सीस में किलफां ल्याइयो , मेरा टीका रतन जड़ाइयो
गले को ल्याइयो जंजीर भारत सवेरे ल्याइयो
मेरे हाथ में दस्तबन्द ल्याइयो , मेरी चूड़ियां रतन जड़ाइयो
गले को ल्याइयो जंजीर भारत सवेरे ल्याइयो
मेरे पैरों में पायल ल्याइयो , मेरे बिछवे रतन जड़ाइयो
गले की ल्याइयो जंजीर भारत सवेरे ल्याइयो
मेरे अंग ने साड़ी ल्याइयो , मेरी चुन्दड़ी को गोरखरू लगाइयो
गले को ल्याइयो जंजीर भारत सवेरे ल्याइयो | haryanvi-bgc |
गरब करे सोई हारे
गरब करे सोई हारे ,
हरि सो गरब करे सोई हारे ।
गरब करो रतनागर सागर ,
जल खारो कर डारे । हरि . . .
गरब करे लंकापति रावण ,
टूकटूक कर डारे । हरि . . .
गरब करे चकवाचकवी ने ,
रैन बिछोहा डारे । हरि . . .
इन्द्र कोप कियो ब्रज के ऊपर ,
नख पर गिरवर धारे । हरि . . .
मीरा के प्रभु गिरधर नागर ,
जीवन प्राण हमारे । हरि . . . | bundeli-bns |
दुख देते मात पिता को वे नहीं धरम के लाल जी
दुख देते मात पिता को वे नहीं धरम के लाल जी
खल होंदे ना सरमांदे करदे हैं उलटे धंदे
कंस नै मात पिता किए अंधे दीनै भोरै मैं रे डाल जी
दुख देते . . .
रावण दुरयोधन सिसुपाला करा सबी कुटम का गाला
नहुस बी कर गए चाला लिए जूड़ रिसी ततकाल जी
दुख देते . . . | haryanvi-bgc |
मैया शख बजत मिरदग आरती की बिरिया...
मैया शंख बजत मिरदंग आरती की बिरियां . . .
ढोल नगाड़े तुरही बाजे , बाजत ढप उर चंग
आरती की बिरियां । मैया . . .
झांझ खंजरी झूला तारे , झालर ढोलक संग
आरती की बिरियां । मैया . . .
डमरू श्रंगी उर रमतूला , धुन गूंजत तिरभंग
आरती की बिरियां । मैया . . .
शिव सनकादिक नारद विष्णु , रह गये ब्रह्मा संग
आरती की बिरियां । मैया . . .
सुर किन्नर गंधर्व अप्सरा , सबई इक रंग
आरती की बिरियां । मैया . . . | bundeli-bns |
जोगिन भई राधिका गोरी
जोगिन भई राधिका गोरी ।
अवै उमर है थोरी ।
बाजन लगी चमीटा चुटकी ।
नईं लाज ना चोरी ।
अंग भभूत बगल मृगछाला ,
डरी कँदा पै झोरी ।
ईसुर जाय हटी सौं कइयौं ,
पालागन है मौरी ॥ | bundeli-bns |
राम लखन दोऊ भैया ही भैया
राम लखन दोऊ भैया ही भैया ,
साधू बने चले जायं मोरे लाल । ।
चलतचलत साधू बागन पहुंचे ।
मालिन ने लए बिलमाए मोरे लाल । राम लखन . . .
घड़ी एक छाया में बिलमायो साधू ।
गजरा गुआएं चले जाओ मोरे लाल । राम लखन . . .
जब वे साधू तालन पहुंचे
धोबिन ने लए बिलमाए मोरे लाल । राम लखन . . .
चलतचलत साधू महलन पहुंचे ।
रानी ने लए बिलमाए मोरे लाल ।
घड़ी एक छाया में बिलमायो साधू ।
महलन के शोभा बढ़ाओ मोरे लाल । राम लखन . . . | bundeli-bns |
हाय हाय मेरा खिवैया
हाय हाय मेरा खिवैया
क्या होनी क्या होइयां हाय हाय मेरा सिरताज हा
नदी आई पहाड़ की चढ़ गई गगन गम्भीर
हाय हाय मेरा खिवैया
पहले डूबे मोचड़े सूं घोड़े असवार
हाय हाय मेरा खिवैया
मेरा भाई मल्लाह का नय्या पार उतार
हाथ की दूंगी मूंदड़ी गल का नौलख हार
मल का साथ मिला हुआ फेर मिलन का नांय
सब सब सूए वालियां रांडी मोल न तोल
सब सब पूतां वालियां रांडी भौंरा देश
ज्यों ज्यों मल सड़ ऊभरै त्यों त्यों भारी होय
रांड गली का टोरड़ा मन माने ठुकराय
रंग महल से ऊपरी सीस महल ना जाय
बेसर टूटी सेज पै बिछए रतन जड़ाय
रतड़ा पलंग निवार का खड़ी सूए के पास
क्या तुम सूए सो रहे क्या तुम भरे गुमान
सूता होय जगाय ले रूठा होये मनाय
मौत न बस की होय होंगे कौने मालवै
या सरवर की पोल
सुरगी उट्ठे दामड़े रंडिया मोल न तोल
क्या तुम संशय ऊतरे क्या तुम गढ़े सुनार
आज पड़े हो धूल में कीन्हीं क्या करतार
वहां का गया ना बाहुड़े उन राहों ना जाइयो
उन राहों जम रही धूल
आवते का मुख देखियां जावते की बस पीठ
पीठ दिखाए न सरै तुम बिन पड़ी पुकार
हमारी पुकारां ना सुनी ठाडा ले गया मार
की ठाड़े की बीनती ये दिन मांगे लेय
मांगे दिन तो ना मिले मांगे मिल गई मौत | haryanvi-bgc |
ऊधौ रूप राधकाजू कौ
ऊधौ रूप राधकाजू कौ ,
कृस्न बिछुरतन सूकौ ।
मन उड़जात तिनूका नाँई
मन्द मन्द में फूँकौं ।
गदिया पलंग गदेला त्यागो
परवौ है अब भू कौ ।
भुगतै मिटें , करौ कछु हू है ,
कछू पाय आगंूकौ ।
ईसुर पार लगत ना बँदरा
फिरत डार कौ चूकौ । | bundeli-bns |
161
जदों खत दिता लिया कासदे ने नढी हीर ने तुरत फड़ाया ए
सारे मामले अते मिलाप सारे गिला लिखया वाच सुनाया ए
घलो मोड़के दयोर असाडड़े नूं मुंडा रूस हजारयों आया ए
हीर सद के रांझणे यार ताईं सारा मामला खोल सुणाया ए | panjabi-pan |
देओ तो देओ माय
देओ तो देओ माय
कोरो रे गागरा ठण्डा पानी देओ
कोरो रे गागरा ठण्डा पानी देओ
देओ तो देओ माय
नर्मदा का ठण्डा पानी देओ
नहीं दे तो नहीं हो माय
तेरे जा बाराती प्यासी ना रहे हो
देओ तो देओ माय
चोखा रे चावल देओ
नहीं दे तो नहीं हो माय
तेरा जा बाराती भूखा न रहे हो
देओ तो देओ माय
तेरा जा बेटा दे देओ
नहीं दे तो नहीं हो माय
तेरा जा बेटी ना कुआरी रे हो
स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल | korku-kfq |
चंपे के पेड़ नीचे उतरे बने मियाँ
चंपे के पेड़ नीचे उतरे बने मियाँ1 ।
बाजी लगी दिलोजान , मैं बारि जाऊँ , मैं बारि जाऊँ ।
दुलहा है भोला नादान , मैं बारि जाऊँ , मैं बारि जाऊँ ॥ 1 ॥
हारूँ तो बने मियाँ बँदरी2 मैं तेरी ।
जीतूँ तो सेजिया गुलाम , मैं बारि जाऊँ ।
बाजी लगी दिलोजान , मैं बारि जाऊँ ॥ 2 ॥
पलँगे की पट्टी टूटी , मोतियों की लर टूटी ।
टूटी है पलँगे नेवार , मैं बारि जाऊँ ।
दुलहा है भोला नादान , मैं बारि जाऊँ ॥ 3 ॥
उठ मियाँ बँदरे3 हुआ है सबेरा ।
अम्माँ खड़ी इँतजार , मैं बारि जाऊँ ॥ 4 ॥
मेरा तो दिल लाड़ो तुमसे लगा है ।
अम्माँ खड़ी झख मार , मैं बारि जाऊँ ।
दुलहा है भोला नादान , मैं बारि जाऊँ ॥ 5 ॥ | magahi-mag |
टीके पै लग रही चांदनी
टीके पै लग रही चांदनी , झूमर पै लग रही चांदनी
तुम देखो जी बने हमारी बीबी लाडली
बून्दों पै लग रही चांदनी , माला पै लग रही चांदनी
तुम देखो . . .
डोले पे लग रही चांदनी , जोड़ी पै लग रही चांदनी
घर में खिल गई चांदनी , सेजों पै हंस गई चांदनी
तुम देखो . . . | haryanvi-bgc |
हमरे हु नन्दलाल चली आना ननदिया
हमरे हुए नन्दलाल , चली आना ननदिया ।
चांदी के गहने न लाना ननदिया ,
सोने के हमरे रिवाज री । चली . . .
सूती कपड़े न लाना ननदिया ,
रेशम के हमरे रिवाज री । चली . . .
काठ का पलना न लाना ननदिया ,
चन्दन का हमारे रिवाज री । चली . . .
लड़के बच्चे न लाना ननदिया ,
अकेले का हमरे रिवाज री । चली . . .
रुपये पैसे न मांगो ननदिया ,
खाली जाने का रिवाज री । चली . . .
हमरे हुए नन्दलाल . . . । | bundeli-bns |
ईसुरी की फाग-15
जब से रजऊ ने पैरी अंगिया , मोय करो बैरगिया
फिरतीं रातीं गलीखोरन में , तनक उगर गई जंगिया
घूमत फिरत नसा के मारे , मानो पी लई भंगिया
ईसुर भये बाग के भौंरा , रजऊ भईं फुलबगिया । | bundeli-bns |
मामा रे मामा सुमुदुरा मामा
मामा रे मामा सुमुदुरा मामा
मामा रे मामा सुमुदुरा मामा
बानजा को दिये पहाड़ा देशी
बानजा को दिये पहाड़ा देशी
कोरा रे काकेजो लिखियो रे बानेजा
कोरा रे काकेजो लिखियो रे बानेजा
बानजा के दियो पहाड़ा देशी
बानजा के दियो पहाड़ा देशी
स्रोत व्यक्ति नन्हेलाल , ग्राम झल्लार | korku-kfq |
हरो नीलो मंडवाना सजायो जा इयां डाई
हरो नीलो मंडवाना सजायो जा इयां डाई
हरो नीलो मंडवानासजायो जा इयां डाई
हरो नीलो जा मंडवाना सजायो रे
हरो नीलो जा मंडवाना सजायो रे
हरो नीलो मांडवा सजायो जा इयां डाई मंडवा
हरो नीलो मांडवा सजायो जा इयां डाई मंडवा
ईटा आम ऐकली सुबाये
ईटा आम ऐकली सुबाये
आमा भावड़ीन डाई बाने जा इयां डाई
आमा भावड़ीन डाई बाने जा इयां डाई
आमा भावड़ीन नी किबला बाने
आमा भावड़ीन नी किबला बाने
हरो नीलो मांडवा ईटान
हरो नीलो मांडवा ईटान
स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर | korku-kfq |
73
पुतर तखत हजारे दे चौधरी दा रांझा जात दा जट असील है जी
एहदा बीबड़ा1 मुख ते नयन निम्मे बड़ी सोहणी एस दी डील है जी
मथा एसदा चमकदा नूर भरया सखी2 जीउ दा , नहीं बखील है जी
गल सोहणी परदे विच करदा खोज लाएक ते नयायों वकील है जी | panjabi-pan |
गौरव गाथा महतारी के
ये नाग मन के धरती जिंकर ले नग घलो थररात रिहिस ।
फणीं अऊ छिन्दक राजा मन के ध्वज हा लहरात रिहिस । ।
पाण्डव के पार्थ पौत्र परीक्षित ल जेन हा ललकारिन ।
लड़त मेरठ के तीर रण में तक्षक हा उनला मारिस । ।
अड़बड़ वीर मन के धरती ये छत्तीसगढ़ महतारी हे ।
ज्ोमां रत्न भरे खान , सरलसुघर सुन्दर सुजानी हे । ।
अइसन मनखे के माटी में बारुद बोवत हे मक्कार ।
अइसन मनखे के चिंहारी कर करना हे नक्कार । ।
ये वीरनारायण की धरती दाऊ दयाल के माटी हे ।
इंकर रक्षा हित बर मिटना वीर मन के परिपाटी हे । ।
मांदर के थाप सुनके इहां शेर के टांग घलो कांपथे ।
आदिवासी के तीर विरोधी के देह घलो वोहा नापथे । ।
काबर येमन भोलाभाला के मन मा जहर घोरथें ।
लोहा के सिक्का के बल मा ईमान ला तोलथें । ।
अउ कतका दिन तुमन अइसने कटवाहू ?
जेन दिन सब संभलहीं कुटका में बंट जाहू । ।
वो दिन माटी के बेटा धरती के करजा उतारहीं ।
अउ खोजखोज के सब मक्कार ला मारहीं । ।
जंगल मा कोयली मैना पंख अपन फहराही ।
धरती धान के बाली ले चारों मुड़ा लहराही । ।
ताला के रुद्र छोड़ ताण्डव तब मंदमंद मुस्काहीं ।
छत्तीसगढ़ के वासी कपूत जनगणमन ला गाही दे । । | chhattisgarhi-hne |
344
रब्ब जेड ना कोई है जग दाता जिमीं जेड ना किसे दी साबरी वे
मझी जेड ना किसे दे होन जेरे राज हिंद पंजाब ना बाबरी1 वे
चंद जेड ना चलाकां2 न सद कोई हुकम जेड ना किसे दी काबरी वे
बुरा कसब ना नौकरी जेड कोई याद हक दे जेड अकाबरी3 वे
मौत जेड ना होर है सखत कोई ओथे किसे दी नहियों नाबरी4 वे
रन्न वेखनी ऐब फकीर ताई भूत वांग सिरां उते बाबरी वे
वारस शाह शैतान दे अमल तेरे दाढ़ी हो गई शेख़ दी झाबड़ी5 वे | panjabi-pan |
लोक गीत
सोरी काँकड़ आम्बे मोरियो रेऽऽऽ
हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ ।
सोरी काँकड़ आम्बे मोरियो रेऽऽऽ ।
हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ ।
सोरा तमे हूँ भाली न मोहवायो हो राज
हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ ।
तारो बोर ड़ो भाली न मोहवायो
हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ ।
सोरी हूँ भाली न मोहवायो हो राज
हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ ।
तारो पागुलो भाली न मोहवाया
हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ ।
सोरी काँकड़ आम्बे मोरियो रेऽऽऽ
हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ ।
छोरी बंजर भूमि पर खड़े आम वृक्ष पर मंजरियाँ ढेर सारी आई हैं । छोरा तू ने मुझसे पूछा है , पर तेरे देखने का तरीका मुझे ऐसावैसा लग रहा है । तू मुझ पर मोहित क्यों हो गया है ? ऐसा तूने मुझमें क्या देखा है ? तेरे सिर बोर और अन्य गहने देखकर मैं मोहित हो गया हूँ । छोरी तू क्या देखकर मुझ पर मोहित हो गयी है ? आम पर मंजरियाँ बहुत आई हैं । छोरा तेरे सिर पर साफा देखकर मैं तुझ पर मोहित हो गयी हूँ । छोरा बंजर भूमि पर खड़े आम पर मंजरियाँ ढेर सारी आयी हैं । | bhili-bhb |
टुक बूझ कौण छप आया है
टुक बूझ कौण छप आया है ।
एह आया छप्पका छप्पकाया है ।
कित्त इस नूँ किस नूँ अड़ना ऐं ,
गुलिस्ताँ1 बोस्त2 पढ़ना ऐं ,
ऐवें बेमूजब3 क्यों मरना ऐं ।
किसे उलटा भेत पढ़ाया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है ।
जिस नाह दरदी बात सही ,
उस प्रेम नगर ना झात पई ,
भाल कित मुई कित डुब मुई ।
आह क्यों जिन्दाए जाया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है ।
दुआ दूर करो कोई शोर नहीं ,
सभ तुरक हिन्दू कोई होर नहीं ,
सभ साध लिखो कोई चोर नहीं ।
हरि घट घट बीच समाया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है ।
पलास4 मनिन्द5 बणाओ रे ,
तन पात पात लुटाओ रे ,
मुक्ख काला कर विखलाओ रे ।
इस सिआही रंग लगाया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है ।
जो कहेआ नामनजूर होया ,
दूआ ना कहेआ मनजूर होया
जिस दस्सआ सो मनसूर होया ।
ओह सूली पकड़ चढ़ाया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है ।
इस दुक्ख सों किचरक भागेगा ,
रो सौ के फिर तूँ जागेगा ,
फिर उठदा रोवण लागेगा ।
किस गफलत मार सवाया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है ।
है विरली बात बतावण की ,
तुम समझो दिल पर लावण की ,
इक्क बात बतलाऊँ पावण की ।
ओह कौण जो बणा बणाया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है ।
तुझे कसब6 फुकर7 ताकीद किया ,
दुःख तन आरफ8 बाअजीद9 किया ,
कर जोहई कुतब10 फरीद किया ।
किसे मेहनत नहीं पाया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है ।
इक्क रब्ब दा नाम खज़ाना है ,
मंग चौराँ याराँ दानाँ है ,
उस रहमत दा खसमाना है ।
संग खौफ रफीक11 बणाया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है ।
जेहड़े मन लागा नहीं दुआ रे ,
यह कौण कहे मन मोया रे ,
इनायत सभ तन होया रे ।
फेर बुल्ला नाम धराया है ।
टुक बूझ कौण छप आया है । | panjabi-pan |
आई गेन ॠतु बौड़ी दाईं जनो फेरो, झुमैलो
आई गेन ऋतु बौड़ी दाई जनो फेरो , झुमैलो
ऊबा देसी ऊबा जाला , ऊंदा देसी ऊंदा , झुमैलो
लम्बीलम्बी पुगड़्यों माँ र . . र . शब्द होलो , झुमैलो
गेहूँ की जौ की सारी पिंग्ली होई गैने , झुमैलो
गाला गीत वसन्ती गौं का छोरा ही छोरी , झुमैलो
डांडी काँठी गूँजी ग्येन ग्वैरू को गितूना , झुमैलो
छोटी नौनानौनी मिलि देल्यूँ फूल चढ़ाला , झुमैलो
जौं का भाई रला देला टालु की अँगूड़ी , झुमैलो
मैतु बैण्युँ कु अप्णी बोलौला चेत मैना , झुमैलो
भावार्थ
' वसन्त ऋतु लौट आई , फसल माँड़ते समय बैलों के चक्कर के समान , झुमैलो
ऊपर देश वाले ऊपर जाएंगे , नीचे देश वाले नीचे , झुमैलो
लम्बीलम्बी क्यारियों में किसानों की र . . र . ध्वनि होगी , झुमैलो
गेहूँ और जौ के सादे खेत पीले हो गए हैं , झुमैलो
वसन्ती गीत गाएंगे , गाँव के लड़केलड़कियाँ , झुमैलो
छोटीबड़ी पहाड़ियाँ गूँज उठी हैं ग्वालों के गीतों से , झुमैलो
छोटे बालकबालिकाएँ मिलकर दहलीजों पर फूल चढ़ाएंगे , झुमैलो
जिसके भाई होगा , अंगिया और ओढ़नी का उपहार देगा , झुमैला
और मायके बुलाएगा बहिन को चैत्र माह में , झुमैलो ' | garhwali-gbm |
भानु भौंपेलो
अपणा कूड़ा1 भितर , त्वै जगा नी देऊँ , त्वै जगा नी देऊँ ।
मैं मर्द को , मुख नी देखदू ,
वैको छैल2 भी , धोरा3 नी पड़ण देन्दू ।
पर फेर वींन , पैरु से सिर तक न्याले4 ,
माल का शेर जना मोछ छा
डवराली डीठ , गजभर की पीठ , कंकर्यालो5 माथो ।
तब अमरावती नौनी , मोहित ह्वै गए
पकड़ीले छोरा की पाखुड़ी6 , लीगे सुतरी7 पलंग
हे छोरा तू कुछ , खेलबोल भी जाणदी ?
तब गाड़े वींन , हस्तिदन्त पाँसो ,
खेलण लैग्या दुये , वीं डाँडा मरुड़ी ।
तब ऊँकी आँख्यों से , मिलीन आँखी ,
दिल से दिल , जुड़ी गैन ।
तब एक ह्वै गैन वो , जना8 धरती अगास ,
ऊँका पराणू मा , प्रीत समाये ।
कख छयो , घास काटणो ,
दिन भर छोरा , अमरावती का सात , मौज मा रन्दो ।
फूलू सीं हैंसदा छन दुये ,
पंच्छियोंसी बोलदा छन ।
मोससी नाचदा छन , वो बणूबणू माँज9 ।
तब और छानी वालौंन , चुगली खाई
ब्याले छोरा , भूत जनो आये ,
आज रजा की नौनी दगड़े , खेलबोल कर्द ।
तौन लिखी घणी कागली , भेजे कालूनी कोट ,
हे सजू कलूनी , तिन अपणी नौनी दगड़े10
यो नौकर भेजे कि जार ?
सज कलूनी तब भौत गुस्सा ऐगे ,
नौनी अमरावती माँगी होली ,
ग्वाड़छोड़ का रजा , गुरू ज्ञानचन्द की ।
तब लेखदो राजा तरवारी सवाल , करड़ा बयान
हे राजा ज्ञानचन्द , छोटी बेटी बाप भौंदी ,
ठुली11 बेटी आप भौंदी ।
मेरी बेटी लिजालू त , तुरन्त ली जाई ,
पिछाड़ी तू वीं का , भराँस12 न रई ।
गुरू ज्ञानचन्द , गुस्सा ऐगे भौत
कैको आई होलो , रूठो ऊठो काल ?
जैन हमारी यांद13 रखणी चाये ।
राजान हात्योंन का , हलका14 पैटाया15 ,
पैटेले रैदल16 सैदल ।
कना पैटीन , रण का हत्यार ,
पैटी गए गुरू ज्ञानचन्द की फौजी बरात ।
कालूनी कोट मा , ग्वीराल17 सी फूलीगे ,
शेर18 मा जगा नी होंदी , जंगलू डेरा पड्याँ ,
लेखी कागूली वीं डाँडा मरोड़ी सजू कलूनींन ,
हे बेटी अमरा , घर आई जान ।
तेरी होली गरै19 की शान्ती ।
स्वामी , आज जौलू , भोल20 यखी21 औलू ।
तब जाँदी अमरावती , कलूनी कोट मा ,
कलूनी कोट मा , ग्वीराल फूल्यूँ छ
पिता जी का शेर22 मा , क्या तमाशो होल ?
पौंछी गए अमरा , पिता का भौन
पितान वीं का , ब्यौ की बात नो सुणाई ।
राजा बेटी की , नहोणी धुवेणी करौन्द
अनमन भाँति का , बस्तर पैरोंद ।
घर से भैर23 वीं जाण नी देन्दो ।
भानू भौपेलो डाँडा मरोड़ी भैंसी चुगौन्दू ,
होई गए जब श्यामली बगत ,
वैन देखे , अमरा नी आई ।
प्रेम की डोरीन बँध्यूँ छयो ,
रौड़दोदौड़दो , कालूनी कोट चली आये ।
तब खोलीवालो24 बोद , भितर जाण को हुकम नी च ।
माई मरदान को वेला , इथैं25 देखद उथैं26 ,
देखे वैन राणी अमरावती , पूरब की मोरी27
फेंके दुपटा तब अमरा न , भौंपेलो भीतर गाड़े ।
औन्दी तबारी राणी की माता , भोजन लौंदी ,
तब देखदी भानु भौंपला , तब बोदी
हट छोरी , त्वैन कनो छोरा यों मराये ,
भैर तेरी बरात आई छ ,
यतनों मा येकी28 सगून29 नी पूगणो30 ।
तब बोदी31 राणी अमरावती :
हे जिया32 , तौं33 माचदू34 क बोल , चली जावा ।
भानु मेरो कलेजी को भेंडू35 , जिकुड़ी को साल36 ।
हे छोरी अमरा , त्वैन कनो छोरा मराये ?
हे छोरा , अमरा का फरपंचू37 कतै38 न पड़ ,
भैर39 वीं की बरात आई छ ।
हाथ्यों का हलका40 होला , घोड़ो का मलका41 ।
मैंन मरण जिऊण अमरा मेरी छ :
डाँडा मरुड़ी हमून फेरा फेरयालीन ।
हे सासु , तुम छन माता का समान ,
न छीना अपणी , नौनी को सुहाग ।
हे सासु , इनी बुद्धि बतावा ,
जाँ से तुमारी बेटी , बैरी न लिजै सको ।
हे बेटा , सते छई तू जु राजू अंगस42
तू रागसाड़ी राज से , मांकाली घोड़ो जीती लौलो ।
तब मैं अपणी बेटी अमरावती
त्वै दगड़े43 बेवोलो ।
आज मैं वीं , सैसर44 भेजलो ,
भोल45 वापीस बुलै दिओलो ।
हे सासु परसे , तब तेरी बेटी
दोघर्या46 होई जाली ।
जाणक मैं जौलू वख , पर बतौ तू
कथा47 दिन जाणका छन कथा औण का ।
बार बर्स जाण का छन , बार बर्स औण का ।
चौबीस बरस मा , अमरा बुधर्या ह्वै जाली ।
जु48 त्वै49 पर छेतरी50 हंकार51 त
चौबीस बरस तक का वचन लीले ।
एक धज52 तोड़ी मैं बामण53 दिऊलो ,
गुरु ज्ञानचन्द का सात अजुड़दो54 करै द्यूलो ।
चौबीस बर्स तक अमरा तेरी बाँद55 छ ।
वचन मांग्याल्या वैन , धरम दियाले ,
सजाई वैन अपणी घोड़ी , होई गए सवार
मारी घोड़ी पर वैन , निगर कुलड़ा ,
तब उड़ी घोड़ी पवन का समान ,
उडी माल बाँज सी पतेलो56 ,
नी समझी वैन , उतारी को बथौं57
नी समझी वैन , उकाली को धाम ।
मेरो माल सास58 नी ससदो ,
थूक नी घूटदो , ढाँव नी रुकदो ।
तब जाँद वो , तीसरा रोज | garhwali-gbm |
आज बागां मेरे बीरा उणमणी
आज बागां मेरे बीरा उणमणी
आया मेरी मां का जाया बीर
हीरा बन्द ल्याया चून्दड़ी
ओढूं तो हीरा रे बीरा झड़ पड़ै
डिब्बै में धरूं तो लरजे मेरा जिया
हीरा बन्द ल्याया चून्दड़ी
इसी ए तो ल्या द्यूं दो ए चार
हीरा बन्द ल्याया चून्दड़ी | haryanvi-bgc |
अंगिका फेकड़ा
निनियाँ पुर सें निनिया ऐलौ
नानी यहाँ सें गेनरा ऐलौ ।
नूनू माय , हे नूनू माय
नूनू कथी लेॅ कानै छौं
अंगिया लेॅ की टोपिया लेॅ
दादादादी हज्जर लेॅ
पितिया महज्जर लेॅ
चाकू रे चन्न बीजू रे वन्न
खोपोॅ बीकै छोॅछोॅ मन्न ।
की खैबे रे बनरा ?
दालभात खैबौ गे दीदी ।
केना सुतवे रे बनरा ?
कोला में सुतवौ गे दीदी ।
पाप लिखतौ रे बनरा
गंगा नहैवे गे दीदी ।
सरदी होतौ रे बनरा
हरदी फाँकवोॅ गे दीदी ।
खोखी होतौ रे बनरा
खोखमल्ला पिन्हबोॅ गे दीदी ।
रे नूनू कथी के
अचनपचन बेलना के
मायबाप ससन्ना के
दादादादी हज्जर के
पितिया महज्जर के
हम्में खेलौनिया जाफर के
फूफू तेॅ छेकी गुल्लर के ।
ताय पूड़ी ताय
केके पकाय
नूनू पकाय
नूनुहैं खाय ।
नूनू के माय आवोॅआवोॅ
भरी कंटरी खीर बनावोॅ
आपने लेल्हेॅ थार भरी
नूनू के देल्हौ कटोरा भरी
वही लेॅ नूनू रूसल जाय
बापेपितियें मिली बौसल जाय
बापें बौसल हाथीघोड़ा
पितियें बौंसल दूध कटोरा । | angika-anp |
बाना गीत
बाना तने हाताना भोरी लाँ दलड़ा लाग्या रेऽऽऽ
हजारी बालक बनेड़ा बाना तने बानो कुकके वालो ।
काई वतणवारे हजारी बालक बनेड़ा
बाना तने बानो कुकके वाले ।
हाथाना भोरी लाद लड़े लाग्यानो रे
हजारी बालक बनेड़ो ।
बानाजी तमने केड़ा ना कन्दौरा दले लाग्या रेऽऽऽ
हजारी बालक बनेड़ा . . . ।
स्रोत व्यक्तिमांगीलाल सोलंकी
दूल्हे तेरे हाथ में मेरी भँवरी दुल्हन है । उससे तेरा मन मिल गया है । तू तो हजारों में एक है । तुझे अब हम क्या बतलायें ? तेरे से मेरी दुल्हन का दिल लग गया है । तेरे कमर का कन्दौरा भी उसे पसन्द आ गया है । उस पर भी उसका दिल आ गया है । | bhili-bhb |
और जाल सब भिणभिणी तूं क्यों हे हरियाली
और जाल सब भिणभिणी तूं क्यों हे हरियाली
के तूं माली सींचिया के तेरी जड़ पैंताल
न मैं माली सींचिया न मेरी जड़ पैंताल
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
मेरे तले जाहर सो रहा सूत्या है वो चादर ताण
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
मूंधे हुए बिलौवणे रीती है ये जा चकिहार
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
ठाणां रांभै बाछडू डहरां री वे लागड़ गाय
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
के सोवै मेरे लाड़ले ? डहरां रे वे तेरी लागड़ गाय
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
जाहर उठा भड़क कै टूटे री पिलंगा के साल
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
पांचों ल्यावो कापड़े तीनों ल्यावो हथियार
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
सीम सिमे पर नावड़या ल्याया री वो गऊ छुटाय
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
अर्जुन मार्या बड़तले सर्जुन री वो सरवल पाल
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
खाई के ओल्हे मौसी खड़ी कहदे रे बीरा मन की बात
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
उठ उठ री मां हाथ धुवा मारे री मौसी के लाल
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
बुरी करी रे मेरे लाडले मारे रे मौसी के लाल
वारी मेरा जाहर मिल गइयां
मौसी करदी ऊतणी भावज रे तनें करदी रांड
वारी मेरा जाहर मिल गइयां | haryanvi-bgc |
132
कई रोज नूं मुलक मशहूर होसी चोरी यारी जो ऐब कुआरियां नूं
जिनां बाण है नचने कुदने दी रखे कौन रंनां हैं सयारियां नूं
उस पा भुलाउड़ा ठगया ए कम पहुंचया बहुत खुआरियां नूं
जदों चाक उधाल लै जाए नढी तदों झूरसो बाजियां हारियां नूं
वारस शाह मियां जिनां लाइयां नी सोई जाणदे डारियां यारियां नूं | panjabi-pan |
वर शृँगार गीत
पागा बांधो रे बेना , पाघा बांधो ।
तिलो कुण सवारेगा , तिलो कुण सवारेगा ।
धुति पेहरो रे बेना , धुति पेहरो ।
धुति कुण सवारेगा । धुति कुण सवारेगा ।
धुति भाइ सवारेगा , धुति भाई सवारेगा ।
झूल पेहरो रे बेना , झूल पेहरो ।
झूल कुण सवारेगा , झूल कुण सवारेगा ।
मुजा पेहरो रे बेना , मुजा पेहरो ।
मुजा कुण सवारेगा , मुजा कुण सवारेगा ।
मुजा भाई सवारेगा , मुजा भाइ सवारे ।
मुजड़ि पेहरो रे बेना , मुजड़ि पेहरो ।
मुजड़ि कुण सवारेगा , मुजड़ि कुण सवारेगा
मुजड़ि बणवि सवारेगा , मुजड़ि बणवि सवारेगा ।
तरवार धेरा रे बेना , तरवार धरो ।
तरवार बणवि सवारेगा , तरवार बणवि सवारेगा ।
मोड़ बांधो रेबेना , मोड़ बांधो ।
मोड़ कुण सवारेगा , मोड़ कुण सवारेगा ।
मोड़ बइं सवारेगा , मोड़ बइं सवारेगा ।
दूल्हे से कहा गया कि पगड़ी बाँधो , पगड़ी का तिल्ला कौन व्यवस्थित करेगा ? उत्तर में गाया जाता है कि तिल्ला भाई व्यवस्थित करेगा । इसी प्रकार सभ शृँगार को व्यवस्थित करने वालों के नाम लेते हैं । मौर को बहिन बाँधती है । | bhili-bhb |
घोड़ी बने की आ गई देखो कैसी सजे
घोड़ी बने की आ गई देखो कैसी सजे
सीस बने के चीरा सोहै पेंची पै हीरे जड़े
अंग बने के जामा सोहै कुण्डल पै लाल जड़े
गले बने के माला सोहै देखो फूल कैसे सजे
ऊंगली बने के अंगूठी सोहै अंगूठी में नीलम जड़े
पैर बने के जूती सोहै जूती को खूब सजे
संग बने के बनी सोहै फूलों की झड़ी लगे । | haryanvi-bgc |
विदाई गीत
तारा बाबा ना घर मा काम कर्यो , धाम कर्यो
गले नी गलसुण छोड़ी लेधी ।
तारा ससरा ना घर मा काम नी कर्यो ।
धाम नी कर्यो , गले नी गलसुण बांध लेधी ।
तारा वासने ना घर मा काम कर्यो , धाम कर्यो
माथे नी ओढ़णी उतरि लेधी वो ।
तारा ससरा ना घर मा काम नहीं कर्यो ,
धाम नी कर्यो , माथे पर साड़ी ओढ़ि लेधी वो ।
वर पक्ष की ओर से इस गीत में वधू से कहा गया है कि तूने अपने पिता के यहाँ काम किया , किन्तु उन्होंने गले की गलसनी , माथे की ओढ़नी सब उतार ली । अभी तूने तेरे ससुर के यहाँ काम नहीं किया किन्तु तुझे गले की गलसनी व ओढ़नी ओढ़ा दी है । | bhili-bhb |
बीबी दूर खेलण मत जा
बीबी दूर खेलण मत जा
साजन आज आवेंगे
लाडो दूर खेलन मत जा
साजन आज आवेंगे
मैं तो खेलूं अपने बाबा जी की पोली
बाबल जी की पोली
साजन आज आवेंगे
लाडो गिरद गई असमान
हात्थी के होद्दे आवेंगे
नाई का दूध पखालों उनके पैर
भोजन देइओ खान नै
नाई का झाड़ बिछाईयो उनकी खाट
कुसामद करिओ भोत घणी
बीबी दूर खेलन मत जा
साजन आज आवेंगे | haryanvi-bgc |
जन्म दियो रे हरी नाम ने
जन्म दियो रे हरी नाम ने ,
आरे खुब माया लगाई
१ मृत्यु की माया आवीया ,
आरे सब छोड़ी रे आस
जम आया रे भाई पावणा
आन मारे सोटा को मार . . .
जन्म दियो रे . . .
२ रोवता बालक तुम न छोड़ीयाँ ,
आरे माथा नई फेरीयो हाथ
दुःशमन सरीका हो देखता
झुरणा दई हो जाय . . .
जन्म दियो रे . . .
३ बारह दिन जन्मी सती ,
आरे पुरण जन्म की भक्ति
नेम धरम से हो तु भया
कैसा उतरा हो पार . . .
जन्म दियो रे . . .
४ कोप किया रे मन माही ,
आरे घरघर आसु बहावे
हंसा की मुक्ती सुधार जो
गया पंछी नही आवे . . .
जन्म दियो रे . . .
५ हस्ता बोलता पंछी उड़ी गया ,
आरे मुरख रयो पछताय
झान मीरदिंग घर बाजी रया
सिंग बाजे द्वार . . .
जन्म दियो रे . . . | nimadi-noe |
हुआ नगर सब सूना
हुआ नगर सब सूना , बनो मेरी पाहुनिया रे
दादी रानी ने ऐसे पाला , जैसे घी की गागरिया रे
ताई रानी ने ऐसे पाला , जैसे घी की गागरिया रे
बाबा राजा ने ऐसे निकाला , जैसे जल की माछुलिया रे
ताऊ राजा ने ऐसे निकाला , जेसे जल की माछुलिया रे | haryanvi-bgc |
आल्हा ऊदल
किरिया धरावल जब लहरा सिंह रुदल जियरा छाड़व हमार
नैंयाँ लेब बघ रुदल के
एतनी बोली बघ रुदल सुन गैल रुदल बड़ मंड्गन होय जाय
फिर के चलि भेल बघ रुदल लहरा दोसर कैल सरेख
खैंचल तेगा जब लहरा सिंह बाबू लिहल अली के नाम
जौं तक मारल बघ रुदल के देबी झट के लिहल बचाय
बरल करेजा बघ रुदल के रुदल कूदल बवन्तर हाथ
जौं तक मारल लहरा के भुँइयाँ लोथ फहराय
भागल फौदिया जब लहरा के जब नैना गढ़ गैल पराय
लागल कचहरी इंदरमन के जहाँ तिलंगा पहुँचल जाय
बोलै तिलंगा लहरा वाला राजा इंदरमन जान बचाई मोर
एतनी बोली सुनल इंदरमन बाबू मन में करे गुनान
पड़ गलै बीड़ा इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठाय
हाथी मँगावल भौंरानंद जिन्ह के नौं मन भाँग पिलाय
दसे तिलंगा ले साथन में सिब मंदिर पहुँचल जाय
घड़ी पलकवा का चलला में सिब मंदिर पहुँचल जाय
बाँधल घोड़ा रुदल के पलटन पर पड़ गैल दीठ
घीचै दोहाइ जब देबी के देबी प्रान बचावव मोर
आइल देबी जंगल के बनस्पती देबी पहुँचल आय
घोड़ा खोल देल बघ रुदल के घोड़ा उड़ के लागल अकास
रुदल सूतल सिब मंदिर में जहवाँ घोड़ा पहुँचल बाय | bhojpuri-bho |
तारागीन तारागीन तारागीन
तारागीन तारागीन तारागीन
तारागीन तारागीन तारागीन
बोको जा आखिरी बल्ला तारागीन
बोको जा आखिरी बल्ला तारागीन
इयां मिसीक टारा नजा बोको जा
इयां मिसीक टारा नजा बोको जा
आखिरी बल्ला तारागीन
आखिरी बल्ला तारागीन
कूक बानेगा जूरना बोको जाटीकी बनेगा जूरना
कूक बानेगा जूरना बोको जाटीकी बनेगा जूरना
तारागीन तारागीन तारागीन
तारागीन तारागीन तारागीन
बोको जा आखिरी बल्ला तारागीन
बोको जा आखिरी बल्ला तारागीन
स्रोत व्यक्ति शांतिलाल , ग्राम छुरीखाल | korku-kfq |
मलिया के बाघ में बेलिया फूले हे फुलवा,
मलिया के बाघ1 में बेलिया2 फूले हे फुलवा ,
चमेलिया फूले हे फुलवा ।
तहवाँ हे कवन सुगइ झारे3 लामी4 केसिया ॥ 1 ॥
घोड़वा चढ़ल आबे कवन दुलहा ।
अरे लपकि धइले छयला5 दहिन मोरा हे बहियाँ ॥ 2 ॥
छोडू़ छयला , छोडू़ छयला , दहिन मोरा बहियाँ ।
फूटि जइहें संखाचूड़ी , मुरुकि6 जइहें बहियाँ ॥ 3 ॥
फूटे दहु संखाचूड़ी , नाहि मुरुकि बहियाँ ।
फेनो7 के पेन्हयबो सुगइ , लाली लाली हे चूड़िया ।
अरे फेनो के पेन्हयबो सुगइ , सोने के है कँगना ॥ 4 ॥
कहाँ तूहूँ पयबो परभु , लाली लाली चूड़िया ।
कहाँ तूहूँ पयबो परभु , सोने के कँगना ॥ 5 ॥
अम्माँ पउती8 पयबो सुगइ , लाल लाल चूड़िया ।
सोनरा घर पयबो सुगइ , सोने के कँगना ॥ 6 ॥
जब हम होयबो9 कवन साही के बेटिया ।
अरे लातहुँ10 न छुअबो छयला , लाली लाली चूड़िया ॥ 7 ॥
जब हम होयबो कवन साही बहिनियाँ ।
अरे लातहुँ न छुअबो छयला , सोने के कँगना ॥ 8 ॥
जब हम होयबो कवन साही के बेटवा ।
अरे जोर11 से पेन्हयबो सुगइ , लाली लाली चूड़िया ॥ 9 ॥
जब हम होयबो कवन साही भतीजवा ।
अरे जोर से पेन्हयबो सुगइ , सोने के कँगना ॥ 10 ॥ | magahi-mag |
बन्ना काली रे बदरिआ गोरा चन्दा
बन्ना काली रे बदरिआ गोरा चन्दा , मैं तारों मैं तै आण मिलूंगी
बन्ना दूर मत जाइयो नदी नाले , मैं वहांए तम तै आण मिलूंगी
बन्ना सीस तेरे का सेहरा मैं लड़ियां ऊपर बार डालूंगी
बन्ना कान तेरे के मोती , मैं सच्यां ऊपर बार डालूंगी
बन्ना गल तेरे का तोड़ा , मैं घुण्डी ऊपर बार डालूंगी
बन्ना हाथ तेरे की घड़ियां , मैं महन्दी ऊपर बार डालूंगी
बन्ना पैर तेरे का जूता , मैं चलगत ऊपर बार डालूंगी
बन्ना हेठ तेरे की लीली , मैं चाबुक ऊपर बार डालूंगी
बन्ना काली रे बदरिया गोरा चन्दा , मैं तारों मैं तै आण मिलूंगी
बन्ना दूर मत जाइयो नदी नाले , मैं बहांए तुम तै आण मिलूंगी | haryanvi-bgc |
नवमी गीत
१ .
हमरा शीतलऽ मइया बड़ दुलरी ,
मइया बड़ दुलरी मइया डोला चढ़ि आवेली हमार नगरी ।
जाउ हम जनतीं अइहें हमार नगरी जाउयदि
मइया डगर बहरतीं दहिनवें अंचरी ।
२ .
नीमिया के डाढ़ मइया गावेली हिंडोलवा कि झूलिझूलि ना ।
झूलतऽ झूलतऽ मइया के लगली पिअसिया कि चलि भइली ना
मलहोरिया दुआर , मइया चलि भइली ना
सुतल बाड़े कि जागल रे मलिया
बूँद एक आहि के पनिया पिआव कि बूँद एक
कइसे में पनिया पिआईं मैया
कि बालका तोहार मोरे गोद
लेहु नाहि मालिनी बालका , सुताव सोने के खटोलवा कि बूँद एक
मोहिके पनिआ पिआव ।
एक हाथ लेहली मालिन झँझरे गड़ुअवा
दोसरे हाथ सिंहासन
जइसन मालिन हमरे जुड़वलू ओहिसन पतोहिया जुड़ास ,
धिअवा जुड़ास धीया बाढ़ो ससुरे , पतोह बाढ़ो नइहर
मइया केकरा के दीले असीस ।
धीया बाढ़ो ससुरा , पतोह बाढ़े नइहर
३ .
मइया के दुआरे हरियर पीपर
लाल धजा फहराई ए माया
मोहिनी भवानी जगतारन माया
अंचरा पसार भीख मांगेली बहुआरो देई
हमके सेनुरा भीख देई ए माया , मोहिनी भवानी
पटुका पसार भीख मांगेले कवन राम
हमके पुतवा भीख देई ए माया , मोहिनी भवानी . . .
४ .
कहाँ रहनी ए मइया कहाँ रहनी
मइया पकवल रोटिया सेराई गइले , रउरा चरन में ,
उहें रहनी उहें असी कोस के पयेंतवा
चलतऽ बटिया बिलम लगले
कहाँ रहनी ए मइया . . . | bhojpuri-bho |
पहिला सगुनवाँ तिल-चाउर हे बाबू, तब कए डटारेबो पान
पहिला सगुनवाँ1 तिलचाउर हे बाबू , तब कए डटारेबो2 पान ।
लगनियाँ3 अइले उताहुल4 सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 1 ॥
ससुर बोलएबो कवन5 दुलहा हो बाबू ।
लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 2 ॥
कइसे6 में आएब ससुर बढ़इता7 हे , ससुर राउर8 नदिया झिलमिल पानी ।
लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 3 ॥
काल्ह9 कटएबो चन्नन गछिया हे बाबू , परसों10 बनएबो डेंगी नाव ,
ताहि11 रे चढ़ि आवहु12 हे ।
सगुनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 4 ॥
धीरे खेवऽ13 मधुरे खेवऽ , मलहवा भइया हे , बाबू , भिजले14 कवन दुलहा सिर पगिया ।
कवन सुगइ15 सिर सेनुर16 नयनवाँ भरी काजर ।
लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 5 ॥
कथिय17 सुखयबऽ18 सिर सेनुर , नयनवा भरी काजर ।
लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 6 ॥
रउदे19 सुखाएब झिलमिल पगिया हे बाबू ।
छँहिरे20 सुखाएब सिर सेनुर , नयनवाँ भरी काजर ।
लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 7 ॥ | magahi-mag |
कर देस की रकसा चाल
कर देस की रकसा चाल , लाल मेरे सज धज के
सुन दुसमन ने सीमा तेरी ,
चारां तरफ से आकै घेरी ,
क्या इस का नहीं ख्याल , लाल मेरे सज धज के
कर देस की रकसा चाल , लाल मेरे सज धज के
जिस दिन के लिये तन्नै दूध पिलाया ,
वो दिन लाडले आज सै आया ,
कर दे दिखा कमाल , लाल मेरे सज धज के
कर देस की रकसा चाल , लाल मेरे सज धज के
भूरे की माता बोलती सुण भूरा मेरा
ये सोलह सौ पद्मनी तेरे खड़ी चौफेरा
तनें देवर देवर कह रही क्यों मुखड़ा फेरा
रे राणी आंसू गेरै मोर ज्यों हिया लरजै मेरा
तोड़ बगादे कांगणा पकड़ो समसेरा
गौरी साह के दलां में रह ब्याह होजा तेरा
सांग्यां होजा आरता तलवारां फेरा
बैरी थाते तै के हुआ भाई था तेरा
सेर गढ़ां के पकड़िये तूं रहा भगेरा
तूं ओढ़ै ना चूंदड़ी मनें दे चीरा
मैं पडूं दलां में टूटके मार ढादूं ढेरा | haryanvi-bgc |
मैं तो माड़ी हो गई राम
मैं तो माड़ी हो गई राम
धंधा कर के इस घर का
बखते उठ कै पीसणा पीसूं
सदा पहर का तड़का
चूल्हे मैं आग बालगी
छोरे ने दिया धक्का
बासी कूसी टुकड़े खागी
घी कोन्या घर का
सास ननद निगोड़ी न्यूं कहे
तने फेरा क्यूं ना चरखा
मार कूट कै नै पापण मेरी
देवर कर लिया घर का
बड़े जेठ की मूंछ उखाड़ी
सुसरे का कालजा धड़का
मैं हठीली हट की पूरी
कहा न मानूं किसे का | haryanvi-bgc |
चोजा जलमी इले आयोम डो चोजा जलमी
चोजा जलमी इले आयोम डो चोजा जलमी
चोजा जलमी इले आयोम डो चोजा जलमी
इले डो आयोम चोजा जलमी
इले डो आयोम चोजा जलमी
जन्मा जलमी इकेजा बेटा जन्मा जलमी
जन्मा जलमी इकेजा बेटा जन्मा जलमी
इकेजा बेटा जा जन्मा जलमी
इकेजा बेटा जा जन्मा जलमी
आकाशो बानी बोचोकेनी आयोम डो धरती मायनी
आकाशो बानी बोचोकेनी आयोम डो धरती मायनी
टिलाकेन आयोम डो धरती मायनी
टिलाकेन आयोम डो धरती मायनी
आमा नी कसड़ा झड़ी डो आयोम डो टोना एली
आमा नी कसड़ा झड़ी डो आयोम डो टोना एली
झूड़ी को आयोम डो टोना ऐली
झूड़ी को आयोम डो टोना ऐली
आमानी सलवा झूडो डो आयोम केला सकोमेन
आमानी सलवा झूडो डो आयोम केला सकोमेन
झूड़ी डो आयोम केला सकोमेन
झूड़ी डो आयोम केला सकोमेन
आमानी डिडोम नुडोन डो आयोम डो टुवर डिडोम
आमानी डिडोम नुडोन डो आयोम डो टुवर डिडोम
नुवेन आयोम डो टुवर डिडोम
नुवेन आयोम डो टुवर डिडोम
नुवेन आयोम डो टुवर डिडोम
आमा सम्मानी दिवाला बेटा जा आमा सम्मा हल्दी
आमा सम्मानी दिवाला बेटा जा आमा सम्मा हल्दी
बेटा जा आमा सम्मा हल्दी
बेटा जा आमा सम्मा हल्दी
स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी | korku-kfq |
मैं तो बीस बरस की होली
मैं तो बीस बरस की होली ईबना सादी का विचार
नाई ब्राह्मण गए , दिल्ली के बाजार
उन नै सारी दुनियां देखी कोई ना जोड़ी का भरतार
एक दिल्ली में बूढ़ा बैठ्या तख्त बिछाए
भाई मेरी सादी करदै , ले ले ढाई हजार
वाने डाढ़ी मूछ कटाई हो ग्यो बूढे तैं जवान
बेटी फेरे ले ले तेरे करमण के भार
मेरी दादी फेरे ले ले तेरी जोड़ी का भरतार | haryanvi-bgc |
ले ले हे गोरी म्हारी नमस्ते हम तो नौकर चाल पड़े
ले ले हे गोरी म्हारी नमस्ते हम तो नौकर चाल पड़े
ना लेऊं हो पिया थारी नमस्ते तुम तो नौकर चाल पड़े
आ रह्या सै तेरा बड़ला बीरा गैल बीर के डिगर जाइये
पीहर जाऊं ना रहूं सासरे , संग बालम तेरे चालूंगी
बारा वर्ष में पिया घर आये लेण गया उस नाजों नै
क्यूं हो बेटा के दुख लाग्या के दुख लाग्या मेरी जाई ने
हम तो री माता नौकर चाले आप की या नौकरी से नाटै सै
झूठ पति तू झूठ मत बोले संग जाण की कह रही सूं
ला दे हो साफा छत्री झोला घर अपणे ने डिगर जांगा
घाल खटोला आंगण मैं सो गया भावज आण जगा रही सै
क्यूं हो देवर क्यूं नहीं ल्याया क्यूं छोड़ आया मां बापां कै
बोलै मत ना बिघन हो जागा नार छुटा दी हथणी सी
उस ने छोड़ कै दूसरी ब्याह ले रह लेण दे मां बापां कै
उस ने छोडूं ना दूसरी ब्याहूं , ना लाऊं गा उस नाजो नै | haryanvi-bgc |
देवी गीत-देबी अंगन मोरे आयीं
देबी अंगन मोरे आयीं निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
काऊ देखि देबी मगन भईं हैं काऊ देखि मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
सेनुर देख देबी मगन भईं हैं बिंदिया देख मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
चूडिया देख देबी मगन भईं हैं कंगना देखि मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
लहंगा देखि देबी मगन भईं हैं चुनरी देखि मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
पायल देखि देबी मगन भईं हैं बिछिया देखि मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
रानी देखि देबी मगन भईं हैं बालक देखि मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
देबी अंगन मोरे आयीं निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ | awadhi-awa |
कहे जनकपुर के नारि राम से
कहे जनकपुर के नारि राम से , चलहुँ भमन1 हमारी कि हाँ जी ।
आबल महल हमर रघुनन्नन , अति भाग हमारी कि हाँ जी ॥ 1 ॥
कंचन थारी कंचन केर झारी , लावल गंगाजल पानी कि हाँ जी ।
चरन पखारि चरनोदक लीन्हे , है बड़ भाग हमारी कि हाँ जी ॥ 2 ॥
जे मन लागे सीरी राम ललाजी , देवे सखिन सभ2 गारी कि हाँ जी ।
जनकपुर के भाग3 उदे4 भेल , धन धन5 भाग हमारी कि हाँ जी ॥ 3 ॥
बासमती6 चाउर7 के भात बनावल , मूँग रहड़8 के दालि कि हाँ जी ।
कटहर , बड़हर , सीम आउ लउका , करइला के भुँजिया बनाये कि हाँ जी ॥ 4 ॥
भाँजी , तोरइ , बैंगन आउ9 आलू , सबके अचार परोसे कि हाँ जी ।
बारा , बजका , दिनौरी , तिलौरी , आउ कोहड़उरी परोसे कि हाँ जी ॥ 5 ॥
भभरा , पतौड़ा , पापर , निमकी , सबहिं भाँति सजायो कि हाँ जी ।
गारी गावत सभ मिलि नारी , राम रहल मुसकाइ , कि हाँ जी ॥ 6 ॥
राउर10 पितु रसरथ हथ11 गोरे , तूँ कइसे हो गेल कारे कि हाँ जी ।
तोहर मइया बहुत छिनारी , तूँ परजलमल पूत कि हाँ जी ॥ 7 ॥
बहिनी तोर साधु सँधे12 इकसल13 फूआ के कउन ठेकाना कि हाँ जी ।
सात पुस्त14 तोर भेलन छिनारी , तुहूँ छिनार के पूत कि हाँ जी ॥ 8 ॥
गारी परम पियारी हइ रघुबर , सुनूँ सुनूँ परेम के गारी कि हाँ जी ।
मुसुकत राम मुसुके भाइ लछुमन , धन धन भाग हमार कि हाँ जी ॥ 9 ॥
भोजन करि के किये अचमनियाँ , दीन्हें खरिका झारी कि हाँ जी ।
पोंछ हाथ रेसम के रूमलिया , बइठल सेज सँभारि कि हाँ जी ॥ 10 ॥
एतबर15 उमर16 हमारी जी नारी , नइ खायो ऐसी जेमनारी17 कि हाँ जी ॥ 11 ॥ | magahi-mag |
गौं गौं पंचायत करा, अर सुधारा पाणी जी
गौं गौं पंचायत करा , अर सुधारा पाणी जी ,
सुख से उठलीबठली , राणीबौराणी जी ।
न करा मुकदमा भायों , करा आपस मा मेल जी ,
कोर्ट माँ पड्यां रला , बेचला लोणतेल जी ।
अच्छो काम करा भायों , नी खेलणू जुवा जी ,
गलीगल्यों पड्यां रला , बोलला बोई बुबा जी ।
पंचू मा जैक बोला , घूस जरा नी खाणी जी ,
सहीसही निसाब कर्णू , बालबच्चों जाणी जी ।
अपणी छ खेती , अपणू छ राज जी ,
मेल से रणो भाई , आजाद आज जी ।
डाली बोटी लगावा , वणा बग्वान जी ,
जागू जागू मोटर पौंछा , देवा श्रमदान जी । | garhwali-gbm |
छलकल गगरिया रे
छलकल गगरिया रे मोर निरमोहिया
छलकल गगरिया मोर
बिरही मोरनियाँ मोरवा निहारे
पापी पपिहरा पिउपिउ पुकारे
पियवा गइल कउनी ओर निरमोहिया
छलकल गगरिया मोर . . . कि . . . छलकल गगरिया मोर | bhojpuri-bho |
मेरी नई नई जवानी बिगाड़ी रसिया
मेरी नई नई जवानी बिगाड़ी रसिया मैं तो दावा करूंगी अदालत में
बाजरे की रोटियां चने का साग तुझे जेलों का पानी पिला दूं रसिया
मैं तो दावा करूंगी अदालत में
तेरा नई दिल्ली का मुकदमा आगरे पहुंचा दूं तुझे सिमले की जेल करा दूं रसिया
मैं तो दावा करूंगी अदालत में
ससुर को पेस करूं जेठे को पेस करूं छोटे देवर की दे दूं गवाही रसिया
मैं तो दावा करूंगी अदालत में
मेरी नई नई जवानी बिगाड़ी रसिया , मैं तो दावा करूंगी अदालत में | haryanvi-bgc |
नीला लिजा ऐबेरे डो नीला कण्टी रानी
नीला लिजा ऐबेरे डो नीला कण्टी रानी
नीला पार डोंगरा डो डोयराये
इयां नी सोना ढाना बारी कोनकिन्जा राजा
राजा जा जेमा सिरेन बाये
मिया का साला जेवा डो रानी
रानी डो माय डो बामेरान बाये
आजोमेजा राम भगवान इयां
कोन किन्जकेन डो चाले
अमाका टगली उरीये डो नीला कण्टी रानी
रानी डो नीला पार डोंगरो डो डोयराये
स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर | korku-kfq |
तुलसां माता तैं सुख दाता
तुलसां माता तैं सुख दाता
बिडला सीजूं तेरा
तैं कर निस्तारा मेरा
किरसन जी का कांधा दइओ
पीताम्बर की धोती दइओ
बैकुंठ का बासा दइओ
हो ज्या निस्तारा मेरा
बिडला सीजूं तेरा | haryanvi-bgc |
उठ उठ री नणदल पानी ने चाल
उठ उठ री नणदल पानी ने चाल
सरबर दिखादे अपणे बाप का
चाली री नणदल कोस पचास
सरबर न आया तेरे बाप का
वा दीखै री भावज ऊंची नीची पाल
वो दीखै सरबर मेरे बाप का
तुम तै री नणदल घड़ला डबोय
मैं करूं दातण हरियल जाल की
आया री भावज डालिडा का साथ
टूटा तै लस्कर पाणी पीवेगा
घड़ला भावज दिया सै मंधाय
गिरवै छुहारा घड़ला भर दिया
उठ उठ री मायड़ घड़ला रिताय
बोझ मरै तेरी चिड़कली
हम तै हे बेटी उठा ना जाय
जाय उतारो बड़े भाई कै
उठ उठ री भावज घड़ला रिताय
बोझ मरै तेरी नणदली
म्हारी री नणदल दुखै सैं आंख
गोद भतीजा थारा रोवता
उठ उठ री मायड़ घड़ला उतार
न फोडू तेरे बारणै
किसने हे बेटी बोले सै बोल
किस ने मुख कर दीह्नी गाल
काटूं हे बहुड़ तेरी हे जीभा
आख धतूरे मुख मैं भरूं
चूमूं हे बेटी तेरी हे जीभ
गिरी छुहारों तेरा मुख भरूं | haryanvi-bgc |
त्यरि म्यरि च जोड़ी
त्यरि म्यरि च जोड़ी कैमा न बिंगै1 दे ,
सौंजङ्2 यौं कि छ्वीं3 छन तू छ्वीं न लगै दे ।
इनी छ्वीं लंगौणू मन बोद भारी ,
बिस बणलो अमरित स्वीसै न करै दे ।
कैका दिख्याँ मी पर न मारी तु गारी ,
मी जनई पँथेरम् पाणी न खले दे ।
धौडाँदि द्वफरी4 मा बँशुली बजौलो ,
तू मोरि बटि भैने कु मुक न पल दे ।
कमि आँखि टलपल रर्ग्याट करली ,
क्वी पूँछलो आँसू आँख्यौं मा लुकै दे ।
त्यरिइ तरौं भलि स्वाणि5 छन तेरि डाँडी ,
ज्यू झुरैकी तौकी शोभा न जगै दे । | garhwali-gbm |
अँगना में रोपलूँ हम नेमुआँ खिरकिया अनार जी
अँगना में रोपलूँ हम नेमुआँ1 खिरकिया2 अनार जी ।
दरोजे3 पर रोपलूँ नौरँगिया , बगीचवे में आम जी ॥ 1 ॥
अँगना में फूलल4 नेमुआ , खिरकिया अनार जी ।
दरोजे पर फरल5 नौरँगिया , बगीचवे में आम जी ॥ 2 ॥
अँगना के नेमुआ हइ खट्टा , हइ मिट्ठा अनार जी ।
खटमिठ लगे नौरँगिया , मीठेमीठे आम जी ॥ 3 ॥
हम खायम6 नेमुआ के निमकी , सइयाँ जी अनार जी ।
ननदी के देबइ नौरँगिया , होरिलवा के आम जी ॥ 4 ॥ | magahi-mag |
म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे
म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे
ओ नण्दी के बीरा
तने यूँ घूंघट में राखूंगी ओ नण्दी के बीरा
म्हाने रखड़ी घड़ादे रे ओ नण्दी के बीरा
तने यूँ माथे पर सजालूंगी ओ नण्दी के बीरा
म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे
ओ नण्दी के बीरा | rajasthani-raj |
जी हो आज म्हारो पटसाळ सूनो लगऽ
जी हो आज म्हारो पटसाळ सूनो लगऽ
नहीं आया म्हारा दशरथ बाप ,
हरकत पगरण आरंभियो ।
जी हो आज म्हारो पाळणो सूनो लगऽ
नहीं आई म्हारी कौशल्या माय ,
हरकत पगरण आरम्भियो ।
जो हो आज म्हारो मण्डप सूनो लगऽ
नहीं आया म्हारा रामलछमण बीरा ,
हरकत पगरण आरम्भियो ।
जी हो आज म्हारी आरती सूनी लगऽ
नहीं आई म्हारी सुभद्रा बेण ,
हरकत पगरण आरम्भियो । | nimadi-noe |
मनैं बहली दीखी आवती साथिण के आए लणिहार
मनैं बहली दीखी आवती साथिण के आए लणिहार
साथिण मेरी तड़कै डिगर जागी
ए बीरा एक बै घेरां में जाइए बाबल की धीर बंधाइए
रे उसने रो रो सुजा लई आंख बेटी तै मेरी तड़कै डिगर जागी
ए बीरा एक बै साला में जाइए माइयड़ की धीर बंधाइए
रे उसने रो रो सुजा लई आंख बेटी तै मेरी तड़कै डिगर जागी
मत रोवै बाबुल मेरे दुनिया का योह् सै ब्योहार
मत रोवै मां मेरी बाबली दुनिया का योह् सै ब्योहार
योह् सै जगत में होती आवै | haryanvi-bgc |
536
खेड़ा खाए के मार ते भज पया वाहो दाह रोंदा घर आंवदा ई
एह जोगिड़ा नहीं जे धाड़ कोई हाल आपना खोल्ह सुणांवदा ई
एह कांवरू1 देस दे सेहर जाने वडे लोहड़े ते कहर2 कमांवदा ई
ए दिओ उजाड़ विच आन लथा नाल घुरकियां3 जिंद गवांवदा ई
नाले पढ़े कुरान ते दे बांगां चैंकी पांवदा संख वजांवदा ई
वारस मार ते कुट तहिबार4 कीता पिंडा खोहलके जट वखांवदा ई | panjabi-pan |
मैं वो सुतारियारी बेटी, बखी थी वो बेन
मैं वो सुतारियारी बेटी , बखी थी वो बेन
इनी सेरिया हाटड़लो मत मांड , म्हारी ऐ बेन
छोड़ दो हटीला भेरू म्हारो फाटे वीर
फाटे म्हारो चीर , भेरूजी टूटे म्हारो हार
टूटे म्हारा बाजूबंद रा लू , म्हारी ऐ बेन
छोड़ दो कालामतवाला , छोड़ दो कासी रा वासी | malvi-mup |
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां ,
साडे बुए दे अग्गे नाली ,
उड़ गया कां ते बै गयी लाली ,
नी कई सोणी जुगनीशाब्बा ,
नी कई बांकी जुगनीशाब्बा ,
नी कई टोई पिरोतीशाब्बा ,
नी कई लिशकन मोतीशाब्बा ,
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां ,
जुगनी जा वडी मदरसे ,
मुंडे लै किताबाँ नसे ,
मास्टर खिड खिड कर के हस्से ,
नी कई सोणी जुगनीशाब्बा ,
नी कई बांकी जुगनीशाब्बा ,
नी कई टोई पिरोतीशाब्बा ,
नी कई लिशकन मोतीशाब्बा ,
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां ,
जुगनी जा वडी लाहोर ,
उन्दे पै गये पीछे चोर ,
अग़े जुगनी पीछे चोर ,
चोरां ते पे गये मोर ,
नी कई सोणी जुगनीशाब्बा ,
नी कई बांकी जुगनीशाब्बा ,
नी कई टोई परोती ,
नी कई लिशकन मोती ,
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां . | panjabi-pan |
तैं चौड़ा तैं चीकणा
तैं चौड़ा तैं चीकणा
तैं बिरमा का पूत
तेरी डाली सींज कै
सदा पावै हम सुख
जोआं की क्यारी चणै भरी
उसने सींजे राधा प्यारी
पीपल सींजन मैं चाली
कुल अपणे की लाज
पीपल सींज्या हर मिले
एक पंथ को काज | haryanvi-bgc |
मेंदी तो आई टोडा देस से
मेंदी तो आई टोडा देस से
केसरिया हो राज
रूपईया री टांक बेचाय
मेंदी म्हारी रंग चुवे हो राज
बाईजी रा बीरा घर नई
मेंदी कौन मोलाय
छोटो देवर लाड़लो , केसरिया हो राज
मेंदी मोलावन जाय
लसरलसर मेंदी बांटस्यां केसरिया हो राज
झबियां झोला खाय , मेंदी म्हारी रंग चुपे हो राज
देवर की राची चीटी आँग की
भावज का रचिया दोई हाथ
न्हाई धोई सीस गुथावियो
मोतीड़ा से भरली माँग
दो हो जेठानी तमारो हालरो
दो हो देराणी तमारो चीर
पेली पेड़ी पग दियो
कंकू में खरन्या पाँव
दूसरी पेड़ी पग दियो
मेंदी में खरन्या पाँव
तीसरी पेड़ी पग दियो
झबलक दिवलो हाथ
चौथी पेड़ी पग दियो
सिरनी री छाब हाथ
पांचीव पेड़ी पग दियो
पाना री चोली हाथ
मड़मड़ मेड़िया चड़ी गया
जई उबा ढ़ोला रा पास
जागता था पण सोई गया
मुख पर राल्यो रूमाल
अंगूठो मोड़ जगा दिया
जागोजागो हो नणंद बई का बीर
आज का दिन गोरी पीछा फिरो
सिर चढ़ियो मथवार
ऐसी म्हारा मनड़ा में जाणती
लई आती सतवा सोंठ
घसी लाती चरका लौंग
मड़मड़ मेड़ियां ऊतरिया
जई ऊबा राम आँगण बीच
लो हो जेठाणी तमारो हालरो
लो हो देराणी तमारो चीर
लो हो सासूजी तमारा पूत खे
खोला में लई ने धवाड़ो
तमारो दूद लजायो
लो हो बईजी तमारा बीर खे
गेंदा दई समजावो
एक दमड़ी का भुंगड़ा मंगाऊँ
अलीगली में चबावो
पटसाल पालणो बंधारन्यां
तले बिछाऊँ म्हारी चीर
आतेजाते झूला दऊँ
तम झूलो हो नणंद बई का बीर । | malvi-mup |
तुम काहे न बोलो अपने लाल से
तुम काहे न बोलो अपने लाल से ।
तेरा टीका जो उलझा लाड़ो माँग से ।
तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से ।
खेलवड़िया1 सुलझावे अपने हाथ से ॥ 1 ॥
तुम काहे न बोलो गेंदवा2 लाल से ।
तेरा बेसर जो उलझा लाड़ो नाक से ।
तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से ।
खेलवड़िया सुलझावे अपने हाथ से ॥ 2 ॥
तुम काहे न बोलो गेंदवा लाल से ।
तेरा बाली जो उलझा लाड़ो कान से ।
तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से ।
तेरा बनरा3 छोड़ावे अपने हाथ से ॥ 3 ॥
तुम काहे न बोलो गंेदवा लाल से ।
तेरा माला जो उलझा लाड़ो गले से ।
तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से ॥ 4 ॥
तुम काहे न बोलो गंेदवा लाल से ।
तेरा सूहा4 जो उलझा लाड़ो जान5 ।
तेरा छापा जो उलझा लाड़ो जान से ।
तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से ।
तुम काहे न बोलो गंेदवा लाल से ॥ 5 ॥ | magahi-mag |
366
हीर कन्न धरया एह कौन आया कोई एह तां है दरदखाह मेरा
जेहड़ा भौर ताजन मैंनूं आखदा है अते गधा बनाया सू चा खेड़ा
मतां कन्न पड़वाके मिएं रांझे घत मुंदरां ते लया राह मेरा
वारिस शाह मत कन्न पड़ाए रांझा घत मुंदरां मंनया हुकम तेरा | panjabi-pan |
दादा केरा अँगना जामुन के गछिया
दादा केरा अँगना जामुन के गछिया ।
सेइ तर1 दुलरइतिन बेटी ठाढ़ , से दादा न बोलइ ॥ 1 ॥
रहियो2 न बोलइ , बटियो3 न बोलइ ।
पनिया भरइते4 पनिहारिन , से दादा न बोलइ ॥ 2 ॥
अनमा5 से देल दादा , धनमा6 से दिहले ।
मोतिया दिहले अनमोल जी ॥ 3 ॥
एक नहीं दिहले दादा , सिर के कँगहिया7 ।
सासु ननद ओलहन8 देत , से दादा न बोलइ ॥ 4 ॥ | magahi-mag |
हुण किस तों आप लुकाईदा
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
किते मुल्लाँ हो वलेंदे हो ,
किते राम दुहाई देंदे हो ।
किते सुन्नत मज़हब दसेंदे हो ,
किते मत्थे तिलक लगाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
तुसीं हुण मैं सही सिआते हो ,
हर सूरत नाल पछात हो ।
जाते हो ते जाते हो ,
कोई वल छल होर विखाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
तुसीं सभनीं भेखीं थीन्दे हो ,
मैनूँ हर जा तुसीं दिसीन्दे हो ।
आप मधकर1 आपे पीन्दे हो ,
आपे आप तों आप चुकाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
हुण पास तुहाडे वस्सांगे ,
ना बेदिल हो के नस्सांगे ।
सभ भेत तुहाडे दस्सांगे ,
क्यों मैनूँ अग्गना लाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
मैं मेरीहै ना तेरी है ,
एही अन्त पाप दी ढेरी है ।
एह ढेरी होणी खेरी है ,
हुण ढेरी नूँ नाच नचाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
जो याद तुआडी करदा है ,
सो मरना तों अग्गे मरदा है ।
ओह माया भी तैत्थों डरदा है ,
मत मोयाँ नूँ मुड़ कुहाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
वाह , जिसपर करम आवेहा है ,
तहकीक ओह कीते जेहाहै ।
सच्च सही रवाएत एहा है ,
तेरी नज़र महर तर जाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
विच्च भाँबड़2 बाग लवाया ए ,
जड़ विच्च आप विखाया ए ।
तैंजाँ अलफों मीम बणाया ए ,
ताँ बातन की बतलाईदा
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
बाहिर ज़ाहिर डेरा पाओ ,
आपे डहों ढोल वजाएओ ।
जग ते आपणा आप जणाओ ,
फिर अबदुल्ला दे घर धाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
लै हमा ओसत अगहा पाया ,
ऐस हमा ओसत ने अकल वंजाया3 ।
जे कोई तैनूँ वेखण आया ,
आपे तूँ ही तूँ हो जाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
बिन्द्राबन विच्च गऊआँ चरावें ,
मक्के दा हाजी बण जावें ।
लंका चढ़ नाद वजावें ,
वाह वाह क्या रंग बण बण जाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
इस अज़ाँ4 ओसत धाड़ा पाया ,
पढ़ पढ़ पंडत नाम बणाया ।
दिल ते इक्को अलफ टिकाया ,
सो दुआ गंज लुकाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
यूसफ खूहों दे विच्च पाओ ,
यूनस मच्छी तों निगलाओ ।
साबर केहड़े घाट बहाओ ,
फिर ओहनाँ नूँ तख़त चढ़ाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
किते चोर बणे काजी हो ,
किते मिंबर5 ते बाहि माअज़ी6 हो ।
किते तेग बहादर गाज़ी हो ,
आपे आपणा कटक7 बणाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
तूँ ही हाज़र नाले न्यारा ,
नाहीं न्यारा ऐवें लारा ।
जे तैं आखाँ ना ही प्यारा ,
ताँ ऐह घर घर कौण ध्याईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
बेली अल्ला वाली मालक हो ,
तुसीं आपे आपणे सालक8 हो ।
आपे खलकत हो आपे खालक हो ,
आपे अमर मारूफ9 कराईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
जे अल्ला इनसान पढ़ाया ए ,
ताँ आप नूँ भला छपाया ए ।
दल चौदाँ तबक10 बणाया ए ,
किते लम्माँ झगड़ा पाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
मनसूर तुसाँ वल्ल आया सी ,
तुसाँ सूली पकड़ चढ़ाया सी ।
ओह मेरा भाई बाबल जाया सी ,
दे खूम्बहा मेरे भाई दा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ?
बुल्ला सहु ते मैं माएल हाँ ,
तब कर तिनाएत साएल हाँ ।
एह साएल का मैं घायल हाँ ,
घाएल थों आप छपाईदा ।
हुण किस तों आप लुकाईदा ? | panjabi-pan |
428
दोवें मरद सवारियां रावले ने पंज सत पहौड़ियां लाइयां सू
गलांह पुट के चोलियां करे लीरां हिकां भन्न के लाल कराइयां सू
नाले तोड़ झंझोड़ के पकड़ गुतों दोवें वेहड़े दे वचि भवाइयां सू
खोह चूंडियां गलां ते मार नौहदर दो धौन दे मुढ चा लाइयां सू
जेहा रिछ कलंदरां घोल हुंदा सोटे चितड़ी ला नचाइयां सू
गिटे लक ठकोर के पकड़ तरगो1 दोवें बांदरी वांग टपाइयां सू
जोगी वासते रब्ब दे बस कर जाह हीरे अंदरों आख छुडाइयां सू | panjabi-pan |
विघण हरण गणराज है
विघण हरण गणराज है ,
शंकर सुत देवाँ
कोट विघन टल जाएगाँ ,
हारे गणपति गुण गायाँ . .
विघण हरण . . .
शीव की गादी सुनरियाँ ,
ब्रम्हा ने बणायाँ
हरि हिरदें में तुम लावियाँ ,
सरस्वति गुण गायाँ . . .
विघण हरण . . .
संकट मोचन घर दयाल है ,
खुद करु रे बँड़ाई
नवंमी भक्ति हो प्रभु देत है
गुण शब्द की दाँसी . . .
विघण हरण . . .
गण सुमरे कारज करे ,
लावे लखं आऊ माथ
भक्ति मन आरज करे ,
राखो शब्द की लाज . . .
विघण हरण . . .
रीधी सीधी रे गुरु संगम ,
चरणो की दासी
चार मुल जिनके पास में ,
हारे राखो चरण आधार . . .
विघण हरण . . . | nimadi-noe |
408
वांदी हो के चुप खलो रही ऐं सहती आखदी खैर ना पायो कयों
एह तां जोगीड़ा नीच कमजात कंजर , एस नाल उठ भैड़ मचाया कयों
आप जा के देह जे हई लैंदा घर मौत ऐ घत फसायो कयों
मेरी पान पत एस ने लाह सुटी जान बुझ बेशरम करायो कयों
मैं तां एसदे हथ विच आन फाथी मास शेर दे हथ फहायो कयों
वारस शाह मियां एस मोरनी दे दुआले लाएके बाज छुडायो कयों | panjabi-pan |
मैं चूहड़ेटड़िआँ वे
मैं चूहड़ैटड़िआँ1 वे सच्चे साहेब दी सरकारों ।
ध्यान दा छज्ज ज्ञान का हाडू ,
बुरे अमल नित्त झाड़ो रहाउ ।
हाकम काज़ी मुफ्ती जाने ,
सात्थों धारखती2 वगाचों ।
तउ बाज्झू मेरा होर ना कोई ,
कै पै जाए पुकारों ।
रातीं देहो एहो मँगदी ,
दूर ना कीचै दरबारों ।
बुल्ला सहु इनायत करके ,
हुण खबर मिले दीदारों । | panjabi-pan |
कन्यादान गीत
काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी ।
गुंडी वटली हारू मांगे नदान बेनी ।
काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी ।
मांजरि कुतरि हारू मांगे नदान बेनो ।
काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी ।
सिरको पलंग हारू मांगे नदान बेनी ।
काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी ।
डोबा पाड़ा हारू मांगे नदान बेनो ।
काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी ।
तागली ने हार मांगे नदान बेनी ।
काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी ।
पागड़ि वनात हारू मांगे नदान बेनो ।
दहेज में वरवधू क्या माँग रहे हैं ? इस पर वधू पक्ष की ओर से यह गीत गाया जाता है ।
नासमझ बनी क्याक्या दायजे मंे माँग रही है ? उत्तर में गाते हैं घुण्डीबटलोई माँग रही है । नासमझ बना दहेज में क्याक्या माँग रहा है ? उत्तर में अनचाही वस्तु भैंस व पाड़ा माँगने का बताया है । नासमझ बनी दहेज में क्याक्या माँग रही है ? उत्तर में तागली और हार बताया है । बना दहेज में क्याक्या माँग रहा है ? अब उत्तर में वाँछित वस्तु पगड़ी और बनात कहा गया है । | bhili-bhb |
विवाह - गीत - बाबा जे बेटी बुलावें
बाबा जे बेटी बुलावें जांघ बैठावे
बेटी कौन कौन सुख पायु महसे कहो अर्थाये
सोने के कटोरवा बाबा हमरा भोजँव दुधवा हमरा अस्नान
सोने की पलंगिया बाबा हमरी सेजरिया भुईया मै लोटहूँ अकेल
उसर जोत बेटी काकर बोयों न जान्यो तित की मीठ
नगर पैईठ बेटी तोरा बार दूँढयों नहि जान्यो करमा तोहर | awadhi-awa |
अंगिका बुझौवल
बन जरेॅ , बनखंड जरेॅ
खाड़े जोगी तप करेॅ ।
दीवाल , भीत
फूलेॅ नै फरै ढकमोरै गाछ ।
ढिबरी
हीलेॅ डोरी , कूदेॅ बाथा ।
डोरीलोटा
फूल नै पत्ता , सोझे धड़क्का ।
पटपटी मोथा जाति का एक पौधा
मीयाँ जी रोॅ दाढ़ी उजरोॅ
मकरा नाँचै सूतोॅ बढ़ेॅ ।
ढेरा सें सुथरी की रस्सी बाँटना
जोड़ा साँप लटकलोॅ जाय
सौंसे दुनिया बन्हलोॅ जाय ।
रस्सी
छोटकी पाठी पेट में काठी
पाठीकाठी रग्गड़ खाय
सौंसे गाँव दिया जराय ।
दियासलाई
उथरोॅ पोखर तातोॅ पानी
ललकी गैया पीयेॅ पानी ।
दिया
करिया हाथी हड़हड़ करेॅ
दौड़ेॅ हाथी चकमक बरेॅ ।
बादल बिजली
झकमक मोती औन्होॅ थार
कोय नै पावै आरपार ।
आकाश और तारे
नेङड़ा घोड़ा हवा खाय
कुदकी केॅ छप्पर चढ़ि जाय ।
धुआँ
जल काँपै , तलैया काँपै
पानी में कटोरा काँपै ।
जल में चाँद की परछाँही | angika-anp |
हाथों जरी का रूमाल बन्ना री मेरा मेवा ल्याया
हाथों जरी का रूमाल बन्ना री मेरा मेवा ल्याया
आया तो आया बन्ना नीलगरनी की गलियां
नीलगरनी हुई कुरबान बन्ना मेरी साड़ी ल्याया
बन्ना री . । ।
आया तो आया बन्ना मोची की गलियां
मोचन हुई कुरबान बन्ना मेरा जूता ल्याया
बन्ना री . । ।
आया तो आया बन्ना दरजी की गलियां
दरजन हुई कुरबान बन्ना मेरा जोड़ा ल्याया
बन्ना री . । ।
आया तो आया बन्ना सुसरे के अंगना
सासू हुई कुरबान बन्ना मेरा ब्यावहन आया
बन्ना री . । ।
आया तो आया बन्ना चौरी डिग बैठा
बन्नो हुई कुरबान बन्ना मेरा सुन्दर आया ।
बन्ना री . । ।
आया तो आया बन्ना सलोक सुनाने आया
सब ही हुए कुरबान बन्ना मेरा पंडित आया
बन्ना री . । । | haryanvi-bgc |
निमन्त्रण गीत
आखो हरियालो डुंगर , काली कुयल बुले बेनी ।
आवसे तारा भाइन जुड़ि , सरस्यो कागद भेजो वो ।
आखो हरियालो डुंगर , काली कुयल बुले बेनी ।
आवसे तारि भोजाइ निजुड़ि , सरम्यो कागद भेजो बेनी ।
आवसे तारा बणवि निजुड़ि , सरम्यो कागद भेजो बेनी ।
आवसे ताराा फुवा निजुड़ि , सरम्यो कागद भेजो बेनी ।
आवसे ताराा फुवा निजुड़ि , सरम्यो कागद भेजो बेनी ।
आखो हरियालो डुंगर , काली कुयल बुले बेनी ।
पूरा जंगल हरा हो गया है उसमें काली कोयल बोल रही है । बनी तेरे भाई की
जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो । तेरी भौजाई की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो । तेरे बहनोई
की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो । तेरे फूफा की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो । तेरी बुआ
की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो । | bhili-bhb |
181
हीर आखया ओसनूं कुड़ी करके बुकल विच लुका लिआया जे
आमो साहमणे बैठ के करां झेड़ा तुसीं मुनसफ1 हो मुकाया जे
मेरे माओं ते बाप तों करो पड़दा गल किसे ना मूल सुनाया जे
जेहड़े होन सचे सोई छुट जासन रत्न झूठियां नूं चाए लाया जे
मैं आख थकी ओस कमलड़े नूं लै के उठ चल वकत घुसाया जे
मेरा आखना ओस ना कन्न कता हुण कासनूं डुसकना लाया जे
वारस शाह मियां एह वकत घुथा किसे पीर नूं ना हथ आया जे | panjabi-pan |
झुला दो रघुबर के पालने री
झुला दो रघुबर के पालने री ।
झुलाओ मोरे हरि के पालने री ।
कै गोरी आली सबरे बृज की संखियां ,
घेर लए हरि के पालने री । झुला दो . . .
कै मोरी आली कोरी मटुकिया को दहिया ,
जुठार गयो तोरो श्यामलो री । झुला दो . . .
कै मोरी आली तू गूजरी मदमाती ,
पलना मोरो झूले लाड़लो री । झूला दो . . . | bundeli-bns |
करमा गीत-4
हाय रे हाय
मैं तो नहिं जानों जी
कहां बोहावे जाम झरिया
धर से निकरे फरिका मेर ढाढ़े
कहां बोहावे जाम झरिया ।
डोंगरी च डोंगरी तै चड़ि जाबे ।
नीचे बोहावे जाम झरिया
एक कोस रेंगे ।
दुसर कोस रेंगे
तीसरे मा पहुँचे
जाम झरिया
हाथे मा गगरी
मूढ़े मा गुढ़री
खड़े देखय
जाम झरिया । | chhattisgarhi-hne |
ऊंची कीकर हे मां मेरी पालना री
ऊंची कीकर हे मां मेरी पालना री
हां जी कोए डालें डालें पात
क्यूँ जन्मी थी हे मां मेरी धीयड़ी री
सासू रंगाई हे मां मेरी चूंदड़ी री
अल्ले तो पल्ले हे मां मेरी खोंसड़े री
हां जी कोए बीज नणद के बोल
क्यूँ जन्मी थी हे मां मेरी धीयड़ी री | haryanvi-bgc |
लोगे ही लोगे महकाय मोरी मैया
लोंगें ही लोंगें महकाय मोरी मैया ,
तेरा बगीचा लोंगों का ।
कौन लगाये मैया बेला चमेली ,
कोने लगाई अनार मोरी मैया ।
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .
देवी लगाई मैया बेला चमेली ,
लंगुरा लगाये अनार मोरी मैया
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .
कैसे के गोडूं मैया बेला चमेली ,
कैसे के गोडूं मैया अनार मोरी मैया ।
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .
कुदरन गोडूं मैया बेला चमेली ,
खुरपन गोडूं अनार मोरी मैया ।
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .
कैसे के सींचूं मैया बेला चमेली ,
कैसे के सींचूं अनार मोरी मैया ।
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .
दूधन सींचूं मैया बेला चमेली ,
अमृत सींचूं अनार मोरी मैया ।
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .
कै फूल फूले मैया बेला चमेली ,
कै फूल फूले अनार मोरी मैया ।
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .
कौना चढ़ाये मैया बेला चमेली ,
कौना चढ़ाये अनार मोरी मैया ।
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .
देवी चढ़ाये मैया बेला चमेली ,
लंगुरा चढ़ाये अनार
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .
मोरी मैया तेरा बगीचा लोंगों का ।
तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . | bundeli-bns |
बाजार बकेंदी बरफी (ढोला)
बाजार बकेंदी बरफी
मैंनू लैंदे निक्की जिही चरखी
ते दुखाँ दीया पूणीयाँ
जीवें ढोला
ढोल जानी
साडी गली आवें तैंडी मेहरबानी
भावार्थ
' बाज़ार में बरफ़ी बिकती है
मुझे छोटीसी चरखी ले दो
और दुखों की पुनियाँ
जीते रहो , ढोला
ओ ढोल , ओ प्राणधन
तुम हमारी गली में आओ तो तुम्हारी मेहरबानी हो ' | panjabi-pan |
माय भवानी मोरी पाहुनी हो मा
माय भवानी मोरी पाहुनी हो मां ।
चन्दन पटली बैठक डारों ,
दूधा पखारों दोऊ पांव । भवानी . . .
दार दरों मैं मूंग की माता ,
राधौं मुठी भर भात । भवानी . . .
खाके जूंठ मैया अचवन लागीं ,
मुख भर देतीं असीस । भवानी . . .
दूध पूत मैया तोरे दये हैं ,
बरुआ अमर हो जायें । भवानी . . .
सुमिरसुमिर मैया तोरे जस गाऊं ,
चरण छोड़ कहां जाऊं । भवानी . . . | bundeli-bns |
बोडो सूय की माय बोडो इयानी माय माय
बोडो सूय की माय बोडो इयानी माय माय
बोडो सूय की माय बोडो इयानी माय माय
इयां रानी केन्डो निभाटी जीटा
इयां रानी केन्डो निभाटी जीटा
इयानी नागा कसूबा जा बेया बेटा
इयानी नागा कसूबा जा बेया बेटा
चोपार टेम जा वो मारे
चोपार टेम जा वो मारे
लंगड़ा घुड़गी सायोमयी डी माय
लंगड़ा घुड़गी सायोमयी डी माय
घुड़गी डीजे टेनडो बो मारे
एक जी पाय आगशो डाले
माय एकी जो पाय धरती
माय एकी जो पाय धरती
डाले डो मोके निवाय
स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी | korku-kfq |
414
खैर फकर नूं अकल दे नाल दीजे हथ सभल के बुक उलारिए नी
कीजे ऐड हकार ना जोबने दा मान मतीए मस्त हंकारीए नी
कीजे हुसन दा मान ना भाग भरीए छल जासिया रूप विचारीए नी
ठूठा भन्न फकीर दा पटयो ई शाला यार मरे रन्ने डारीए नी
मापे मरन हंकार भज पवे तेरा अनी पिटन दीए वणजारीए नी | panjabi-pan |
एक ही रे माय का सात लड़का
एक ही रे माय का सात लड़का
एक ही रे माय का सात लड़का
सात लड़का रे नगदी फिरीये रे
सात लड़का रे नगदी फिरीये रे
हाथ में कटोरा कांधा में झूलेना लियो बेटा रे नगदी फिरो रे
हाथ में कटोरा कांधा में झूलेना लियो बेटा रे नगदी फिरो रे
असली बेटा असली बाहू रे नगदी फिरो रे
असली बेटा असली बाहू रे नगदी फिरो रे
नगदी से नगदी फिरो रे बेटा मुठी भर ज्वारी मागी फिरो रे
नगदी से नगदी फिरो रे बेटा मुठी भर ज्वारी मागी फिरो रे
कांधा में झूलेना हाथ में कटोरा लियो रे बेटा नगदी फिरो रे
कांधा में झूलेना हाथ में कटोरा लियो रे बेटा नगदी फिरो रे
स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल | korku-kfq |
वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली
वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली ,
वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली ।
कीता मुड़के पाणी पाणी ,
भिज गया मेरा सूट जापानी ,
पिघले गर्मी नाल जवानी ,
मखणा नाल जो पाली ,
वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली ।
रंग मेरा जिवें अंब सिन्दूरी ,
कूले हथ्थ जिओं घ्यो दी चूरी ,
फूँक भरा ए पख्खा खजूरी ,
तलियां दी जड़ गाली ,
वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली ।
रूप मेरे दा जे लैणा नज़ारा ,
सुण वे पिंड देया लम्बड़दारा ,
मन्न लै आखा ना ला लारा ,
कहन्दीऊ हीर सियाली ,
वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली ।
बिजली दे पख्खेयाँ लाईयां बहारां ,
सुखी शहर दियाँ सब मुटियारां ,
झल्लन पखियाँ पिंड दीआं नारां ,
आये न बिजली हाली ,
वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली । | panjabi-pan |
आज बिरज मे होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया ।
कौना गांव के कुंअर कन्हैया ,
कौना गांव की गोरी रे रसिया । आज . . .
नन्दगांव के कुंअर कन्हैया ,
बरसाने की गोरी रे रसिया । आज . . .
अपनेअपने महल से निकरीं सखी सब
कोऊ श्यामल कोऊ गोरी रे रसिया । आज . . .
उड़त गुलाल लाल भये बादर ,
मारत भरभर रोरी रे रसिया । आज . . . | bundeli-bns |
मेरी सास ने सात जाये
मेरी सास ने सात जाये मेरे करम में बोन्ना री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
एक मेरे मन में ऐसी आवै पाथ धरूं पथरावै मैं
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
नान्ही नान्ही बूंद पड़ैं थी चमक आया पथवारे में री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
एक मेरे मन में ऐसी आवै गेर आऊं कुरड़ी पै
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
जोर सोर की आंधी आई चमक आया कुरड़ी मैं री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
एक मेरे मन में ऐसी आवै खारी मैं धर बेच आऊं री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
आगै मिल ग्या हरिअल पीपल उसके बांध आई री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
घर में आकै देखण लागी बोन्ने बिना उदासी री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
ऊपपर चढ़कै देखण लागी पीपल पाड़ैं आवै री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
बोन्ने का तो बोन्ना आया मुफ्ती इंधन ल्याया री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा | haryanvi-bgc |
Subsets and Splits
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